नई दिल्ली। मार्च 2019 से केवल ई-रिफंड जारी करने और रिफंड चेक के फिजिकल तौर पर भेजने वाली सुविधा बंद होने के बाद से आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने बैंक खाता नंबर को प्री वैलिडेट करना जरूरी हो गया है। यदि कोई रिफंड बकाया है, तो दाखिल आयकर रिटर्न को प्रोसेस करने के बाद करदाता के बैंक खाते में सीधे क्रेडिट के लिए एक रिफंड आदेश जारी किया जाता है।
इसलिए रिफंड के वास्ते आपके बैंक खाते के डिटेल का सही होना जरूरी है। साथ ही, अगर आपका बैंक खाता नंबर पहले से ही मान्य है तो आपके आईटीआर का ई-सत्यापन किया जा सकता है।
बैंक खाते नंबर को कैसे करें प्री वैलिडेट
- अपने बैंक खाते को रजिस्टर्ड करने के लिए आयकर विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल पर पर लॉगिन करें। लॉगिन करने के लिए अपना लॉगिन आईडी, पासवर्ड और स्क्रीन पर दिखाई देने वाला कैप्चा दर्ज करें।
- लॉग इन करने के बाद ‘प्रोफाइल सेटिंग्स’ पर जाएं और अपने बैंक खाते के ‘प्री वैलिडेट’ पर क्लिक करें। ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड बैंक खातों की एक रजिस्टर्ड लिस्ट दिखेगी।
- यदि कोई खाता नहीं दिखता या आप ई-रिफंड के प्रोसेसिंग के लिए कोई अन्य बैंक खाता जोड़ना चाहते हैं, तो आपको ‘ऐड’ पर क्लिक करना होगा और बैंक खाता डिटेल और संपर्क डिटेल दर्ज करना होगा। पैन को बैंक खाते के साथ जोड़ने और पैन कार्ड का नाम बैंक खाते में नाम से मेल खाना चाहिए, ऐसी स्थिति में खाता पूर्व-मान्य होगा।
- डिटेल दर्ज करने के बाद करदाता को खाता सत्यापित करने के लिए ‘प्री वैलिडेट’ बटन पर क्लिक करना होगा। एक लेनदेन रिसीविंग नंबर स्क्रीन पर दिखाई देगी।
- यदि बैंक खाते के साथ रजिस्टर्ड ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पोर्टल पर डिटेल के साथ मेल खाते हैं, तो ऐसे खाते का उपयोग करदाताओं द्वारा दायर रिटर्न को सत्यापित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन के लिए किया जा सकता है।