नई दिल्ली। पीएम मोदी ने लोगों से लोकल प्रोडक्ट बनाने की अपील की थी और लोकल प्रोडक्ट के लिए वोकल होने के लिए लोकल फॉर वोकल का नारा दिया था। इसका असर Twitter पर भी देखा जा रहा है।
Twitter पर आज भारत में #ByeByeIndiaOnlyBharat हैशटैग टॉप ट्रेंड कर रहा है। Twitter पर #ByeByeIndiaOnlyBharat के करीब 2.30 लाख ट्विट हो चुके हैं। यह पहला मौका नहीं है जब सोशल मीडिया साइट्स पर लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए महिम शुरू की गई है।
Twitter पर #BoycottChinaproducts भी खूब घूम रहा है। पिछले कुछ दिनों में कई मशहूर हस्तियों की ओर से चीनी उत्पादों का बॉयकॉट करने की अपील की गयी, जिनमें सोनम वांगचुक, मिलिंद सोमन, अरशद वारसी, आयुष्मान खुराना आदि शामिल हैं। वहीं #MadeInIndiaproducts का समर्थन करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव और पहले इंडियन आइडल व गायक अभिजीत सावंत ने भी जनता से अपील की है।
भारतीय ऐप्स व ब्रांड जैसे फ्लिपकार्ट, शेयरचैट, रोपोसो, जियो, अमूल, आईटीसी आदि को अपनाएं। ताकि भारतीय ब्रांडों की प्रगति हो और भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि हो।इंडियन आइडल फेम अभिजीत सावंत ने कहा कि नागरिक होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम आत्म निर्भर बनें। यदि 130 करोड़ लोग भारत में बने सामान और ऐप्स का इस्तेमाल शुरु कर देंगे जैसे शेयरचैट, जियो, फ्लिपकार्ट, आदि तो इसका विश्वव्यापी असर होगा। इससे हमारे देश का कारोबार बढ़ेगा।
पाश्र्वगायक अभिजीत सावंत ने कहा कि जहां भी, जब भी संभव होगा वह मेड इन इंडिया उत्पादों को प्रोत्साहित करेंगे। इस विषय पर जानी-मानी वकील और ऐक्टिविस्ट वर्षा मधुकर ने जापान की आर्थिक प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब जापान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई तब जापानियों ने अपने देश में ही बने उत्पादों, सामान और सेवाओं को समर्थन देना शुरू किया। उस राष्ट्रव्यापी आंदोलन से न केवल अर्थव्यवस्था में नए प्राण आए बल्कि देश का गौरव भी लौट आया।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह देश का नाम इंडिया से भारत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, यह याचिका चीफ जस्टिस एस ए बोबाडे की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष पेश की गई। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए नोटिस से यह जानकारी मिली। याचिकाकर्ता के मुताबिक, अंग्रेजी नाम हटा देने से देशवासियों में विशेषकर आने वाली पीढ़ी में, राष्ट्रीयता का गौरव जागेगा और इंडिया के बजाय भारत नाम कर देने से हमारे पुरखों की उपलब्धि को भी न्याय मिलेगा।