कोटा। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन ने तीसरी बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया है। कोरोना संकट के समय जब सभी अपने घरों में है, ऐसे समय में बिना लक्ष्मण रेखा पार किए बच्चों को लिए ई-संस्कार और मस्ती की पाठशाला के माध्यम से ज्ञान अर्जन करवाने 15 दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
इसमें 8 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए रोजाना योग, प्राणायाम, संस्कृत के श्लोक पठन, शिव तांडव स्त्रोत, क्रॉफ्ट वर्क सहित कई गतिविधियां की गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी ने बताया कि मस्ती की पाठशाला की इस मस्ती की पाठशाला में 17 देशों के 31 हजार 147 बच्चों ने भाग लिया।
इस विशाल एवं अनूठे, ऑनलाइन आयोजन के लिए महिला संगठन का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में शामिल किया गया है। राष्ट्रीय महामंत्री मंजू बांगड ने और कार्यालय मंत्री मधु ललिता बाहेती ने बताया कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड के एशिया हेड मनीष विश्नोई ने यह रिकॉर्ड राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी को मेल पर भेजा है।
राष्ट्रीय बाल एवं किशोरी समिति की राष्ट्रीय प्रभारी निर्मला मारु एवं गीता परिवार के राष्ट्रीय प्रमुख संजय मलपानी के मार्गदर्शन में ये कार्यशाला आयोजित की गई। समाज की कार्यकारणी सदस्य श्वेता माहेश्वरी ने बताया कि समाज के महिला संगठन ने लॉकडाउन को भी एक अवसर के रूप में लिया है। इसलिए कई नवाचार किए हैं।
खासतौर से बच्चों को जिंदगी के असली मायने बताने के लिए इस तरह की गतिविधियां आयोजित की गई हैं। इसके अलावा महिला और युवाओं के लिए कई तरह के ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम कराए गए हैं।