कोटा। भारतीय किसान संघ की ओर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद का लक्ष्य सरकार की घोषणा के अनुरूप बढाने और पूर्व में तय भेदभाव पूर्ण लक्ष्य पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम पर संभाग भर में ज्ञापन दिए गए। संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने बताया कि कोटा संभाग के कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ में ऑनलाइन भेजकर मांगें रखीं।
कोटा जिले में दीगोद, पीपल्दा, रामगंजमंडी और सांगोद में ज्ञापन दिए गए। इसके अलावा बारां जिले में अन्ता, अटरू, बारां नगर, छबड़ा, छीपाबड़ौद, किशनगंज, मांगरोल और शाहाबाद में ज्ञापन दिए गए। वहीं, झालावाड़ में भी अकलेरा, गंगधार, झालरापाटन, खानपुर, मनोहरथाना, पचपहाड़ और पिड़ावा तथा बूंदी जिले में नगर, हिण्डोली, इन्द्रगढ, केशवरायपाटन, नैनवां में ज्ञापन देकर अपनी मांग रखी।
प्रान्त महामंत्री जगदीश कलमंडा ने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद में कोटा संभाग में खरीद लक्ष्यों की मात्रा का निर्धारण भेदभावपूर्ण तरीके से किया गया है। यह खरीद लक्ष्य कुल उत्पादन का 10 प्रतिशत ही है। जबकि प्रदेश सरकार ने कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत खरीदने की घोषणा की थी। ऐसे में संभाग के चारों जिलों में खरीद लक्ष्य बढाकर 12 लाख 12 हजार मेट्रिक टन किया जाना चाहिए।
जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी तथा प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते मंडियों में क्रय विक्रय की गति भी अत्यंत धीमी है। ऐसे में किसानों का खुले में रखा माल बरसात, ओले, आंधी, तूफान से खराब हो रहा है। कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए गेहूं के साथ ही चना, सरसों खरीद में लक्ष्य निर्धारित कर खरीद केन्द्रों की गति और क्षमता में वृद्धि की जाए।
सरकार 12.12 लाख मेट्रिक टन गेहूं की खरीदी करे
उन्होंने बताया कि कोटा में 3.76 लाख, बारां में 3.21 लाख, बूंदी में 3.15 लाख तथा झालावाड़ में 1.996 लाख मेट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि संभाग में 6.54 लाख हेक्टेयर क्षैत्र में बुवाई की गई है। जिस पर वर्ष 2020 में 30.31 लाख मेट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ है। ऐसे में प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन दर 4.60 लाख क्विण्टल प्रति हेक्टर है। सरकार की ओर से केवल 3.24 लाख मेट्रिक टन गेहूं की खरीदी की घोषणा की है, जबकि सरकार की घोषणा के अनुसार 40 प्रतिशत उत्पादन की खरीदी होनी चाहिए। ऐसे में सरकार 12.12 लाख मेट्रिक टन गेहूं की खरीदी करे।
लहसुन को खराब होने से बचाया जाए
कोटा नगर अध्यक्ष महावीर नागर ने बताया कि वर्तमान में जो खरीद लक्ष्य निर्धारित हैं, वे आधे दिन में ही तय खरीद निपट जाती है। ऐसे में, खरीद केन्द्रों की प्रतिदिन क्षमता बढाकर किसानों की समस्या को कम किया जा सकता है। संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने कहा कि हाड़ौती लहसुन का उत्पादन बड़ा क्षेत्र है। बारां जिला ग्रीन जोन में होने के बावजूद बारां जिला मुख्यालय की लहसुन मंडी को बंद कर रखा है। यह मंडी प्रदेश की प्रमुख लहसुन मंडी है। गर्मी में किसानों की लहसुन को खराब होने से बचाने के लिए शीघ्र निर्णय किया जाए।