कोटा। जैसे ही सोमवार को शहर में शराब की दुकानें खुली पियक्क्ड़ सोशल डिस्टेंसिंग तक भूल गए। इतना ही नहीं लॉकडाउन (Lockdown) का भी खुला मजाक उड़ा। लॉक डाउन की पालना के लिए जो सरकार इतनी सख्ती दिखाती है, वही लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलने की परमिशन दे देती है, जबकि शहर में दूसरे व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने के लिए परमिशन तक नहीं है । यहां राजस्थान सरकार की दोहरी मानसिकता दिखाई देती है। अपना सरकारी खजाना भरने के लिए सरकार किस हद तक गिर सकती है। यह इस बात से साबित हो जाता है।
लॉकडाउन के बाद पहली बार सोमवार को शराब की दुकानें खुली, तो शराब लेने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हालत यह थी, कि शराब की दुकानों पर सुबह 7 बजे से ही भीड़ लग गई। ऐसे में जब सुबह 10 बजे दुकानें खुली तो लोग शराब लेने के लिए टूट पड़े और लोगों ने बड़े पैमाने पर शराब खरीदकर स्टॉक कर लिया।
आलम यह रहा है कि एक ग्राहक ने 10 से 20 बोतलें खरीद ली। कोटा शहर में शराब की 51 दुकानें हैं। इसमें से भीमगंजमंडी और परकोटा क्षेत्र समेत कुछ दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें खुली और लोगों ने इस पर जमकर शराब की खरीदारी की।
दुकानदार और ग्राहकों की आपसी कहासुनी के कारण दुकानें अपने समय से पूर्व ही बंद हो गई। सरकार के आदेशों के अनुसार सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक शराब के ठेके खोलने की अनुमति दी गई थी।
कार्रवाई होगी
काफी समय से शराब की दुकानें बंद होने के बाद शराब की दुकानें खुलने से लोगों ने काफी शराब खरीदी। अधिक शराब स्टॉक करने पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. परमानंद पाटीदार,सहायक आबकारी अधिकारी, कोटा