नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में गेहूं के साथ ही चने के भी बंपर उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है। गेहूं का उत्पादन 10.6 फीसदी बढ़कर 11.30 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि चना उत्पादन 5 फीसदी बढ़कर 106.6 लाख टन होने का अनुमान है। चालू रबी सीजन में देश के कई राज्यों में अक्टूबर, नवंबर में हुई बारिश से गेहूं की बुआई में बढ़ोतरी हुई है।
साथ ही जनवरी में कई गेहूं उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिश हुई है, जिससे गेहूं का रिकार्ड उत्पादन 11.30 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 10.21 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था। कृषि मंत्रालय के अनुसार गेहूं की बुआई चालू रबी में 334.35 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक 299.08 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई थी।
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना का उत्पादन बढ़कर 106.6 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 101.3 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चना की बुआई पिछले साल के 95.89 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 106.40 लाख हेक्टयेर में हो चुकी है। सरसों का उत्पादन भी चालू रबी सीजन में 1.4 फीसदी बढ़कर 94.6 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल सरसों का उत्पादन 93.3 लाख टन का हुआ था।
हालांकि सरसों की बुआई पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम हुई है। सरसों की बुआई 69.24 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 69.45 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
लॉकडाउन के बाद भारी आवक के आसार
केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी सामान्यतया अप्रेल माह की शुरुआत में कर दी जाती है। वर्तमान में राष्ट्रव्यापी लाकडाउन को देखते हुए अब गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल के बाद शुरू होने के आसार है। ऐसे में लॉकडाउन के खुलते ही किसानी मंडियों में जोरदार आवक के आसार है। कारोबारियों का मानना है कि इससे मंडियों में काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। अमूमन मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में आवक जल्दी शुरू हो जाती है जबकि पंजाब और हरियाणा में आवक बैसाखी के बाद 14 अप्रैल से ही बढ़ती है। ऐसे में राज्यों पर भी भुगतान को लेकर काफी दबाव की आशंका है।