नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी है। कोर्ट ने वारदात के वक्त पवन के नाबालिग होने की दलील को ठुकरा दी है। इसके साथ ही पवन का आखिरी दांव फी फेल हो गया है। कल चारों दोषियों को फांसी की सजा होनी है।
पवन की ओर से मंगलवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की गई थी।
पवन की ओर से कहा गया है कि वह घटना के वक्त नाबालिग था, ऐसे में उसकी फांसी की सजा खारिज की जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में उसकी नाबालिग होने की दलील पहले ही खारिज हो चुकी है। इस बाबत रिव्यू भी दाखिल की थी जो खारिज हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर झटका लगने के बाद पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट में सब काम बंद है, लेकिन यह नहीं हो रहा है कि फांसी की सजा पर रोक लगाई जाए। यह बहुत दुखद बात है। यह सब प्रेशर में हो रहा है। यह जो कुछ भी फैसला है, इसे हम आगे देखेंगे।
उधर, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज की डेट में उनकी कोई याचिका बाकी नहीं है। यह फांसी को टालने की कोशिश है। हमारी अदालतों को ही इनकी हकीकत पता चल गई है। कल 5:30 बजे ये अब फांसी पर लटकेंगे। कल निर्भया को इंसाफ मिलेगा और जरूर मिलेगा।
बच्चे को ना दो फांसी
एपी सिंह ने अटपटे अंदाज में निर्भया के दोषियों की फांसी को कोरोना वायरस संक्रमण से जोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘प्रकृति कह रही है कि अगर रस्सी खरीदेंगे फांसी चढ़ाने के लिए तो मास्क बढ़ाने पड़ेंगे। एक दिन ऐसा होगा कि मास्क से भी इलाज नहीं होगा। इसलिए मैं कह रहा हूं कि प्रकृति को मानो। ऐसा मत करो। साढ़े 16 साल के बच्चे को फांसी मत दो। अन्याय हो रहा है। दबाव में हो रहा है। मीडिया का प्रेशर है। पॉलिटिकल प्रेशर है। कोई आतंकी तो हैं नहीं। आदतन अपराधी तो हैं नहीं। यह सबसे बड़ी बात है।