जयपुर। प्रदेश में घर पर मरीजों को देखने वाले डॉक्टरों को परामर्श शुल्क की रसीद देनी पड़ेगी। साथ ही परामर्श कक्ष में लिए जाने वाले शुल्क के बारें में चस्पा करना होगा। आदेश में कहा गया है कि सरकारी डॉक्टर की ओर से निवास पर ली जाने वाली फीस राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों से ही वसूलें।
चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त निदेशक (अस्पताल प्रशासन) ने मार्च माह में आदेश जारी कर सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को मरीजों को फीस की रसीद देने व शुल्क का प्रदर्शन करवाने के लिए पाबंद किया है। जानकारी के अनुसार घर पर मरीजों को देखने वाले डॉक्टर निर्धारित राशि से ज्यादा परामर्श शुल्क लेने तथा रसीद नहीं देने की शिकायत मिल रही थी।
ये है परामर्श शुल्क
- चिकित्सा अधिकारी/ ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी : 75 रुपए
- सीनियर मेडिकल ऑफिसर/ जूनियर स्पेशलिस्ट/ सहायक प्रोफेसर/ ग्रामीण वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी : 100 रुपए
- एसोसिएट प्रोफेसर/ सीनियर स्पेशलिस्ट : 125 रुपए
- प्रोफेसर 150 रुपए
- सीनियर प्रोफेसर :200 रुपए