मुंबई। एक्टर मनोज कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन ने सम्मानित किया। कुमार को भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए डब्ल्यूबीआर गोल्डन ऐरा ऑफ बॉलीवुड से नवाजा गया। 82 वर्षीय कुमार आखिरी बार 1995 में आई ‘मैदान ए जंग’ में नजर आए थे।
कुमार को यह पुरस्कार सुप्रीम कोर्ट के वकील और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अध्यक्ष संतोष शुक्ला, उपाध्यक्ष उस्मान खान और प्रोफेसर राजीव शर्मा ने दिया। कुमार का भारत सरकार ने 1992 में पद्मश्री से और 2015 में दादा साहब फाल्के से सम्मान किया था। मनोज को देशभक्ति की फिल्मों के लिए जाना जाता है। वे ‘हरियाली और रास्ता’, ‘वो कौन थी’, ‘हिमालय की गोद में’, ‘उपकार’ जैसी बड़ी हिट फिल्में दे चुके हैं।
हाल ही में संस्था ने दिलीप कुमार का भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया था। दिलीप साहब को यह अवॉर्ड वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन द्वारा उनके जन्मदिन पर प्रदान किया गया। हालांकि खराब स्वास्थ्य के चलते एक्टर खुद सम्मान लेने नहीं पहुंच सके। उनके स्थान पर भाई असलम खान ने अवॉर्ड स्वीकार किया। साल 1994 में दादा साहब फाल्के से सम्मानित हो चुके दिलीप साहब आखिरी बार साल 1998 में ‘किला’ में नजर आए थे। उन्हें साल 2015 में पद्म विभूषण से भी नवाजा जा चुका है।