नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 4,558 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। सरकार की तरफ से डेयरी किसानों के लोन या सब्सिडी पर ब्याज छूट को बढ़ाकर 2 फीसदी से 2.5 फीसदी कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सरकार का यह फैसला दुग्ध क्रांति को अगले स्तर पर ले जाएगा। सरकार का मानना है कि इस दोनों स्कीम से देशभर के 50 हजार गांवों के 95 लाख किसानों को फायदा होगा। ब्याज पर मिलने वाली छूट का फायदा डेयरी प्रोसेसिंग एंड इंफ्रास्ट्रकचर डेवल्पमेंट फंड (DIDF) के तहत मिलेगा।
ऐसे में अब इस योजना पर करीब 11,184 करोड़ रुपए खर्च आएगा। इसके अतिरिक्त सरकार की तरफ से 28 हजार मिल्क बास्केट कूलर को लगाया जाएगा। इससे दूध को ठंड़ा रखने की क्षमता 140 लाख लीटर प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ जाएगी।
डीआईडीएफ के तहत केंद्र सरकार की तरफ से 2.5 फीसदी ब्याज छूट नाबार्ड के जरिए 2019-20 से 2030-31 तक दी जाएगी। यह निर्णय 30 जुलाई 2019 से लागू हो जाएगा और इस बीच में ब्याद में इजाफा हो जाएगा, तो उसका वहन लोन लेने वाले को उठाना होगा।
स्कीम के तहत फंडिग की समयावधि (2017-18 से 2019-20) को संशोधित करके (2018-19 से 2022-23 कर दिया गया है और लोन की भऱपाई का समय बढ़कार 203-31 से वित्त वर्ष 2031-32 के पहली तिमाही कर दिया गया है।
सरकार की तरफ से अब तक स्कीम के तहत 1,110 करोड़ रुपए दो किस्तों में नाबार्ड की ओर से नेशनल डेयरी डेवल्पमेंट को बोर्ड को जारी कर दिया गया है। ऐसे में अब उसे 3,207 करोड़ रुपए जारी करना है।