नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक डाटा एनालिटिक्स परियोजना को लागू करने के लिए आठ कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया है। इनमें इन्फोसिस, विप्रो और आईबीएम जैसी कंपनियां हैं। सेबी इस डाटा एनालिटिक्स परियोजना के सहारे इनसाइडर ट्रेडिंग व फ्रांट रनिंग जैसे संभावित मार्केट मैनीपुलेशंस पर नजर रखना चाहती है।
पिछले साल नवंबर में नियामक ने सेबी के लिए डाटा एनालिटिक्स परियोजना लागू करने और डाटा मॉडल तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित और भरोसेमंद समाधान प्रदाता कंपनियों से निविदा (ईओआई) आमंत्रित की थी। कंपनियों की ओर से मिलने वाले जवाबों पर गौर करने के बाद सेबी ने एक ताजा नोटिस में कहा कि उसने आगे की प्रक्रिया के लिए आठ कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया है।
इन कंपनियों में पीडब्ल्यूसी प्राइवेट लिमिटेड, कैपजेमिनी टेक्नोलॉजी सर्विसेज इंडिया, डिसिमल प्वाइंट एनालिटिक्स, विप्रो, आईबीएम इंडिया, एनईसी टेक्नोलॉजीज इंडिया, ह्यूलेट पैकार्ड एंटरप्राइजज इंडिया और इन्फोसिस शामिल हैं।
परियोजना पर 500 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद
नवंबर में सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने घोषणा की थी कि नियामक अगले पांच साल में आईटी पर 500 करोड़ रुपए खर्च करना चाहता है और एक डाटा लेक परियोजना पर काम करना चाहता है। परियोजना के जरिये सेबी अपनी विश्लेषण योग्यता को बढ़ाना चाहता है। इसमें अत्याधुनिक विश्लेषणात्मक टूल्स का इस्तेमाल किया जाएगा। टूल्स में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, बिग डाटा एनालिटिक्स, पैटर्न रिकग्नीशन, स्ट्रक्चर्ड एंड अनस्ट्रक्चर्ड डाटा की प्रोसेसिंग, टेक्स्ट माइनिंग और नेचुरल लैंग्वेजेज प्रोसेसिंग शामिल हैं।