नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक प्रस्ताव दिया है। जिसके गोरी त्वचा को बढ़ावा देने वाली फेयरनेस क्रीम जैसे विज्ञापनों पर रोक लग सकती है। साथ ही इन विज्ञापनों को बनाने और इसका प्रमोशन करने वालों को 5 साल की जेल और 50 लाख रुपए जुर्माना देना पड़ सकता है। मंत्रालय ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 2020 में में इन सुझावों को शामिल किया है।
सरकार की तरफ से मौजूदा वक्त में 54 तरह के भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंधित किया गया है, जिसकी संख्या बढ़ाकर 54 से 78 की जाएगी। प्रतिबंधित विज्ञापनों की लिस्ट में सेक्सुअल परफॉर्मेंस को बढ़ाने का दावा करने वाला करने वाले विज्ञापनों को प्रतिबंधित किया जा सकता है। प्रतिबंधित विज्ञापन करने वाले लोगों को सेक्शन 7 के तहत पहली बार 6 माह की जेल या फिर जुर्माना दोनों लगाए जा सकते हैं, जिसे बढ़ाकर 5 साल जेल या फिर 50 लाख रुपए जुर्माना लगाया जा सकता है।
इन विज्ञापनों पर लगाया जा सकता है जुर्माना
- बच्चों की लंबाई बढ़ाने का दावा करने वाली हेल्थ ड्रिंक्स
- गोरी त्वचा का दावा करने वाले विज्ञापनों पर
- एंटी एजिंग रेमेडीज विज्ञापनों पर
- सेक्सुअल परफॉर्मेंस बढ़ाने का दावा करने वाले विज्ञापनों पर
- क्योर प्रीमच्योर एजिंग विज्ञापन
- बालों को बढ़ाने का दावा करने वाले विज्ञापन
- बच्चों की हाइट बढ़ाने का दावा करने वाले विज्ञापन
- ब्रेन कैपेसिटी एडं मेमोरी बढ़ाने का दावा करने वाले विज्ञापन पर
- दांतो और आंखों की क्षमता बढ़ाने का दावा करने वाले विज्ञापन