कोटा। वाणिज्यिक कर विभाग कोटा की एंटी इवेजन टीम ने कोटा में फर्जी बिलों से बोगस फर्में बनाकर करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी करने का बड़ा खुलासा किया है। भामाशाहमंडी के आढ़त व्यापारी ने 350 करोड़ रुपए का माल कागजों में ही इधर-उधर कर करोड़ों रुपए की जीएसटी की चोरी कर ली। कर चोरी का खेल सात बोगस फर्में बनाकर किया गया।
आरोपी व्यापारी धनराज सिंघल को गुरुवार को कोटा पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया गया। विभाग ने जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश की तीसरी बड़ी कर चोरी का खुलासा करने का दावा किया है।
भामाशाहमंडी में आढ़त कारोबार की आड़ में करोड़ों रुपए की कर चोरी का पर्दापाश वाणिज्यिक कर विभाग की कोटा एंटी इवेजन टीम ने किया। प्राथमिक जांच में एक ही व्यक्ति की ओर से पारिवारिक सदस्यों एवं सहयोगियों के नाम से संचालित कुल सात फार्मों की जांच कर इस घपले को पकड़ा है।
वाणिज्यिक कर आयुक्त डॉ. प्रीतम बी. यशवंत ने पिछले दिनों ही बोगस बिलों के माध्यम से की जा रही जीएसटी चोरी को रोकने की कार्ययोजना बना कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। संयुक्त आयुक्त, राज्य कर, कोटा आराधना सक्सेना ने बताया कि आयुक्त के निर्देशों के तहत एंटी इवेजन के सहायक आयुक्त अनुपम शर्मा एवं उनकी टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस कर चोरी रैकेट के मास्टर माइंड धनराज सिंघल ने विभिन्न लोगों के नाम से सात फर्में पंजीकृत कराकर कर चोरी को अंजाम दिया जा रहा था।
18 करोड़ की कर चोरी
प्रकरण में प्राथमिक जांच में पाया कि धनराज सिंघल की मुख्य भूमिका से 350 करोड़ से अधिक का कारोबार बिना माल की वास्तविक आवाजाही के प्रदर्शित कर 18 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी की गई। इसके बाद कोटा में पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर गुरुवार को जयपुर के आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश किया गया। जहां उसे 14 दिवस की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। प्रकरण में जांच के दौरान कर चोरी के कई अन्य मामलों का पर्दाफाश होने की संभावना है।