राजस्थान/ बूंदी में वेयरहाउस निर्माण में 44 करोड़ का घोटाला

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जयपुर। छह साल पहले बूंदी जिले में स्वीकृत वेयरहाउस के निर्माण के लिए कार्य करने वाली एजेंसी को प्रोजेक्ट की स्वीकृत राशि से 44 करोड़ रुपए अधिक का भुगतान किया गया। इस मामले में राजस्थान स्टेट वेयरहाउस काॅरपोरेशन ने एजेंसी की बैंक गारंटी जब्त कर ली है।

इतना ही नहीं बल्कि काॅरपोरेशन के सीएमडी पीके गोयल ने आयुक्त एवं प्रमुख सचिव कृषि नरेश पाल गंगवार को पांच पेज का एक पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच एसीबी से कराने की सिफारिश की है, जिससे घोटाला करने वाले अफसरों और ठेकेदारों के बीच के गठजोड़ से पर्दा उठाया जा सके।

हालांकि अभी गोयल के पत्र का सरकार के स्तर पर संज्ञान नहीं लिया गया। ये मामला इसलिए भी संगीन है क्योंकि जिस फर्म काे भुगतान हुआ, उसमें सरकार के एक बड़े आईएएस के रिश्तेदार की पार्टनरशिप भी है।

ऐसे समझें पूरा खेल

  • छह साल पहले बूंदी में वेयरहाउस के लिए 200 करोड़ रुपये मंजूर हुए। नाबार्ड के जरिए प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ।
  • वेयरहाउस काॅरपोरेशन की कमान संभालने के बाद पीके गोयल ने इस प्रोजेक्ट का मूल्यांकन कराया, जिसमें सामने आया कि इस पर 201 करोड़ खर्च होना चाहिए, लेकिन निर्माण करने वाली एजेंसी को अब तक 245 करोड़ का भुगतान किया जा चुका था। फिर भी काम अधूरा छोड़ दिया गया था।
  • गोयल ने एजेंसी की बैंक गारंटी की रकम जब्त करने के लिए बैंक को लिखा, पर एक सीनियर आईएएस ने बैंक गारंटी जब्त न करने के लिए बैंक पर दबाव डाला।
  • गोयल ने फिर बैंक से बात की। बैंक ने लिखित में उस आईएएस का नाम वेयर हाउस काॅरपोरेशन को दिया।
  • इन्हीं आईएएस के प्रमुख सचिव रहते वेयरहाउस प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था। वित्त विभाग ने भी अधिक रकम भुगतान से रोका था।

एसीबी से जांच कराने का पत्र मिल चुका है
पीके गोयल की ओर से बूंदी वेयरहाउस निर्माण में की गड़बड़ी की जांच एसीबी से कराने को लिखा गया पत्र मिल चुका है। पत्र संयुक्त सचिव को भेज दिया है। सक्षम स्तर पर निर्णय के बाद एक्शन लेंगे। – नरेशपाल गंगवार, आयुक्त एवं प्रमुख सचिव कृषि