कोटा। लोहड़ी और मकर संक्रांति दोनों ही ऐसे त्योहार हैं जिनमें तिल से बने पकवान तैयार किए जाते हैं। इनमें तिल के लड्डू से लेकर रेवड़ी, तिल गुड़ वाली चिक्की आदि शामिल हैं। लोग बाजार से भी तिल से बनी चीजें खरीदते हैं। आयुर्वेद के डॉ. सुधींद्र श्रृंगी के अनुसार खाने से पहले तिल से जुड़ी कुछ चीजें जरूर जान लें-
तिल में मौजूद फाइबर व मैग्नीशियम के तत्व इंसुलिन और ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल बिगड़ने का खतरा कम होता है जो डायबीटीज को दूर रखने में मदद करता है। इसके साथ ही यह ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मददगार है। कई स्टडीज में भी यह बात साबित हो चुकी है कि तिल को डायट में शामिल करने पर हाई बीपी की समस्या को दूर रखा जा सकता है।
तिल मसूड़ों को मजबूत करने के साथ ही प्लाक की समस्या को दूर रखता है। साथ ही मुंह की बदबू, मसूड़े से खून आना और दांत खराब होने की जैसी परेशानियों से भी तिल लड़ने में मदद करता है। तिल का सेवन शरीर की पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करता है। इससे कॉन्स्टिपेशन की समस्या भी दूर होती है।
तिल न सिर्फ हेल्थ बल्कि ब्यूटी निखारने के लिए भी शानदार ऑप्शन है। इसकी ऐंटी-बैक्टीरियल और ऐंटी-ऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज पिंपल्स, ऐक्ने और डार्क पैच के कारकों को दूर कर स्किन को हेल्दी बनाए रखती है। तिल का तेल लगाने पर झुर्रियों की समस्या से निपटने में भी मदद मिलती है।
तिल का तेल बालों में लगाने पर उन्हें जड़ों से मजबूती मिलती है। साथ ही में उनकी शाइन बढ़ती है। सिर में अगर डेंड्रफ की समस्या है या बाल झड़ रहे हैं तो इस तेल से ये परेशानियां भी दूर हो जाएंगी।
तिल के नुकसान भी
वैसे तिल के अगर फायदे हैं तो इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिनके बारे में भी आपको जरूर पता होना चाहिए।तिल हर किसी की बॉडी को सूट नहीं करता है। कुछ लोगों में यह एलर्जिक रिऐक्शन ट्रिगर कर सकता है जो डॉक्टर के पास जाने को मजबूर कर देगा।
तिल की ब्लड प्रेशर लो करने की प्रॉपर्टीज उन लोगों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है जो पहले से ही लो बीपी के मरीज हैं। ऐसे लोग तिल को ज्यादा खाने से बचें या डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
तिल की पेट साफ करने की खासियत परेशानी की जड़ भी बन सकती है। ज्यादा मात्रा में तिल खाने पर पाचन क्रिया तेज होगी जिससे डायरिया हो सकता है।अगर तिल का तेल हेयर फॉल रोकता है तो वह इसे बढ़ा भी सकता है।
दरअसल, यह तेल पोर्स को ब्लॉक कर स्कैल्प इरिटेशन की वजह बन सकता है जिससे बाल झड़ना शुरू हो जाएंगे। यही वजह है कि इसे सिर में आधे घंटे से ज्यादा नहीं लगाने की सलाह दी जाती है।