नई दिल्ली। देश भर में नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 को लेकर भ्रम फ़ैलाने से बवाल मचा हुआ है। सीएए के बाद एनआरसी के भय को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लोगों में यह भ्रम है कि जिन लोगों के पास 70 से पुराना जमीन का कागज नहीं होगा, उनका नाम एनआरसी में नहीं होगा और उनको देश से निकाल दिया जाएगा। सरकार की ओर से लोगों के इस भ्रम को दूर किया गया है और एनआरसी में शामिल होने के लिए संभावित दस्तावेजों के बारे में बताया गया है। आइए जानते हैं उसके बारे में…
क्या दस्तावेज जरूरी होंगे?
एनआरसी में नाम आने के लिए आपको अपने जन्म का विवरण मुहैया कराना ही काफी होगा। जन्म का विवरण जैसे जन्मतिथि, महीना, साल और जन्म का स्थान का उल्लेख करना होगा। अगर आपके पास अपने जन्म का प्रमाण नहीं होगा तो आपको अपने माता-पिता के जन्म का प्रमाण देना होगा। लेकिन माता-पिता के द्वारा या उनके दस्तावेज को जमा करना अनिवार्य नहीं होगा।
जन्मतिथि और जन्मस्थान से संबंधित कोई भी दस्तावेज जमा करके आप अपनी नागरिकता साबित कर सकते हैं। वैसे अभी दस्तावेज के बारे में फैसला नहीं लिया गया है। यह आने वाले समय में ही पता चलेगा कि इसके लिए क्या दस्तावेज मान्य होंगे।
वैसे संभावना है कि वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार, लाइसेंस, बीमा के पेपर, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट्स, जमीन और घर से संबंधित दस्तावजे या इसी प्रकार के अन्य सरकारी दस्तावेज को इसमें शामिल किया जा सकता है। वैसे उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा दस्तावेजों को शामिल किया जाएगा ताकि भारत के किसी मूल नागरिक को अनावश्यक तकलीफ न उठानी पड़े।
एनआरसी में नाम नहीं आया तो क्या होगा?
अगर किसी व्यक्ति का एनआरसी में नाम नहीं होता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में ले जाया जाएगा जैसा कि असम में किया गया है। इसके बाद सरकार उन देशों से संपर्क करेगी जहां के वो नागरिक हैं। अगर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्यों को दूसरे देशों की सरकार मान लेती है तो ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेज दिया जाएगा।