कोटा। कर्मचारियों की वेतन संरचना में हाउस रेंट अलाउएंस (एचआरए) भी एक हिस्सा होता है। टैक्स में से एचआरए छूट का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को अपने मकान मालिक से मिला किराया पावती (रेंट रिसीप्ट) या उसके साथ किया गया रेंट एग्रीमेंट अपनी कंपनी को देना होता है।
मकान का कुल सालाना किराया यदि एक लाख रुपए से अधिक होता है, तो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के एक सर्कुलर के मुताबिक एचआरए छूट का लाभ लेने के लिए कर्मचारी को अपने मकान मालिक का पैन अपनी कंपनी को देना होता है। यह अनिवार्य है। लेकिन किसी वजह से मकान मालिक यदि पैन नहीं दे पाए, तो क्या कर्मचारी एचआरए छूट का लाभ नहीं ले सकता? CA प्रमोद लाहोटी ने कहा कि ऐसी स्थिति में भी कर्मचारी एचआरए छूट क्लेम कर सकता है।
कर्मचारी को जमा करना होगा डिक्लेरेशन
लाहोटी ने कहा कि यदि कर्मचारी का सालाना मकान किराया एक लाख रुपए से अधिक है और उसके मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है, तो ऐसी स्थिति में कर्मचारी के पास दो विकल्प हैं। पहला विकल्प यह है कि कर्मचारी को अपनी कंपनी के पास एक डिक्लेरेशन जमा करना होगा। इस डिक्लेरेशन का फॉर्म इनकम टैक्स विभाग ने दे रखा है।
इस फॉर्म में कर्मचारी को अपने मकान मालिक का नाम बताना होता है। उनकी उम्र बतानी होती है। किराया वाले मकान का पता देना होता है। किराया की अवधि बतानी होती है। इसमें मकान मालिक यह घोषणा करता है कि उसके पास पैन कार्ड नहीं है। कंपनी इस घोषणा पत्र को स्वीकार करती है।
यदि कंपनी डेक्लेरेशन को नहीं माने तब
कंपनी यदि इस डिक्लेरेशन को नहीं मानती है, तो कर्मचारी के पास दूसरा विकल्प भी है। कर्मचारी रिटर्न फाइल करते समय एचआरए क्लेम कर सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में कर्मचारी के पास एक नोटिस आ सकता है।
क्योंकि कंपनी ने जो टैक्स फाइल किया है उसमें और कर्मचारी द्वारा फाइल किए गए रिटर्न में अंतर दिखेगा। इस अंतर के कारण इनकम टैक्स विभाग कर्मचारी से यह पूछ सकता है कि यह अंतर क्यों है। उस समय कर्मचारी के पास मकान मालिक द्वारा दिया गया डिक्लेरेशन होना चाहिए, ताकि वह टैक्स विभाग के सवाल का जवाब दे सके।