कोटा। यशराज बैनर की आगामी फिल्म मर्दानी 2 से के रिलीज से पहले दिखाई जाने वाली सत्य घटनाओं पर आधारित वाक्य हटाने के आश्वासन के बाद भी कोटावासी फिल्म से कोटा का नाम हटवाने को लेकर प्रयासरत हैं। इसी के तहत कोटा के पार्षद गोपालराम मंडा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
गोपालराम मंडा के याचिका दायर करने के बाद सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी, यशराज फिल्म के चेयरमैन आदित्य चौपड़ा, फिल्म के डायरेक्टर गोपी पुर्थोन तथा यशराज फिल्म प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया गया है। अधिवक्ता अश्विन गर्ग ने बताया कि जनहित याचिका में स्पष्ट किया गया है कि फिल्म कोटा पृष्ठभूमि पर तैयार की गई है तथा फिल्म में कोटा की छवि को खराब करने का प्रयास किया गया है।
कोटा जो कि पूर्व में औद्योगिक नगरी रह चुकी है और पिछले तीन दशक से शैक्षणिक नगरी के रूप में स्थापित हो चुकी है। वर्ष 2013 में हुए एक अध्ययन में कोटा को राजस्थान का दूसरा रहने के लिए सबसे अनुकूल शहर बताया गया। यही नहीं कोटा ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहरों का शहर है। चम्बल किनारे बसे इस शहर में देश के लाखों युवा हर साल कॅरियर बनाने आते हैं, मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।
ऐसे में यूथ सिटी कोटा का नाम एक ऐसे अपराध से जोड़ना जो कोटा में नहीं हुआ। यही नहीं कोटा को अपराध का शहर बताना बिल्कुल अनुचित है और यह देश ही नहीं वरन अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कोटा के नाम को खराब करने वाला कदम है। इससे कोटा की छवि खराब होगी। ऐसे में जनहित याचिका के जरिए मांग है कि कोटा शहरवासियों की अपील को देखते हुए फिल्म निमार्ताओं को फिल्म से कोटा का नाम हटाने के निर्देश दिए जाएं। फिल्म में कहीं भी कोटा के नाम का दुष्प्रचार नहीं किया जाए।