नई दिल्ली। पॉर्न वेबसाइट्स पर लगाया गया बैन फेल होता दिख रहा है। दुनिया की कुछ बड़ी पॉर्न वेबसाइट्स ने एक नए ‘खेल’ के जरिए भारत में फिर से एंट्री कर ली है। यानी, अब फिर से स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर पॉर्न कॉन्टेंट को ऐक्सेस किया जा रहा है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन्स ने देश की सभी इंटरनेट सर्विस लाइसेंसीज को एक पत्र लिख पॉर्न वेबसाइट्स को बंद करने का आदेश दिया था। भारत सरकार ने साल 2015 में 857 पॉर्न वेबसाइट्स को इसलिए बैन कर दिया था कि उनके कॉन्टेंट अनैतिक और अश्लील थे।
दुनिया की दो जानी-मानी पॉर्न वेबसाइट रेडट्यूब (RedTube) और पॉर्नहब (PornHub) की भारत में वापसी हो गई है। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन वेबसाइट्स को ऐक्सेस करने के लिए बैन बाईपास करने की भी जरूरत नहीं। पॉर्नहब जहां अब .org के साथ उपलब्ध है, वहीं रेडट्यूब को .net के साथ ऐक्सेस किया जा सकता है।
डोमेन का है पूरा खेल
.org ज्यादातर नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, .net का इस्तेमाल एक्सटेंशन नेटवर्क के लिए होता है। .net डोमेन अधिकतर इंटरनेट, ईमेल और नेटवर्किंग सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। शुरुआत में बैन करने के लिए उन वेबसाइट्स को टारगेट किया गया था जो .com डोमेन के साथ आती थीं। यही मुख्य वजह है कि अब कई वेबसाइट्स .com को छोड़ .org या .net को अपना रही हैं।
बेहद आसान है ऐक्सेस करना
इन पॉर्न वेबसाइट्स को कई स्क्रीन्स पर ऐक्सेस किया जा सकता है। ब्लॉक्ड वेबसाइट्स को ऐक्सेस करने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, दूसरे ब्राउजर्स, प्रॉक्सी जैसे तरीके अपनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। पिछले साल दिसंबर में डीओटी के आदेश के बाद जियो, वोडाफोन और एयरटेल जैसी मुख्य टेलिकॉम कंपनियों ने पॉर्न और चाइल्ड पॉर्न कॉन्टेंट दिखाने वाली वेबसाइट्स को बैन कर दिया था।