नई दिल्ली। पूरी दुनिया में लग्जरी कार बनाने के लिए मशहूर कंपनी रॉल्स रॉयस अब भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसती दिख रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंदन की इस ऑटोमोबाइल कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। ईडी ने यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से केस दर्ज करने के बाद की है।
लंदन की ऑटो मोबाइल कंपनी रॉल्स रॉयस पर 2007 से 2011 के बीच सरकारी कंपनियों हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), ऑयल एंड नेचुरल गैस (ओएनजीसी) और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) से अनुबंध प्राप्त करने के लिए 77 करोड़ रुपए से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई की ओर से दर्ज केस में कहा गया है कि रॉल्स रॉयस और एचएएल के बीच 2000 से 2013 के बीच 4700 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था। सीबीआई का आरोप है कि रॉल्स रॉयस ने 2001 से 2011 के बीच एचएएल को एवन और एलीसन इंजन के पुर्जों के 100 ऑर्डर में वाणिज्यिक सलाहकार के रूप में पटनी को 18 करोड रुपए का भुगतान किया था।
सीबीआई ने पांच साल जांच के बाद यह मामला दर्ज किया था। सीबीआई के मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। रक्षा मंत्रालय के एक पत्र पर सीबीआई ने रॉल्स रॉयस मामले की जांच की थी।
इस जांच के बाद सीबीआई ने रॉल्स रॉयस, इसकी भारतीय सहयोगी कंपनी, सिंगापुर के अशोक पटनी और इनकी कंपनी एश्मोरे प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई की टर्बोटेक एनर्जी सर्विसेज इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के साथ एचएएल, गेल और ओएनजीसी के अधिकारियों को इस मामले में आरोपी बनाया है। इन पर आपराधिक षडयंत्र और रिश्वत का मामला दर्ज किया है।