कोटा।भारतीय किसान संघ कोटा जिला की ओर से हर तहसील में 100 पौधे लगाएगा। वहीं बारिश के दौरान गांव के पानी को सहेजने के लिए भी कार्य करेगा। भारतीय किसान संघ के प्रान्त संगठन मंत्री हेमराज ने मानव विकास भवन में आयोजित बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पौधरोपण और जल प्रबंधन से ही किसानों का कल्याण हो सकता है। किसानों को खेतों के अलावा ऐसे सामाजिक कार्य भी हाथ में लेने चाहिए।
भूजल के गिरते स्तर को रोकने के लिए कुंआ, बावड़ी, तालाब आदि का रिचार्ज होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेकार बहकर जाने वाले पानी को सहेजने से भूगर्भ को रिचार्ज किया जा सकता है। वहीं बारिश के दिनों में गांवों में कीचड़ से बचाव के उपायों का चिंतन भी अभी से करना चाहिए।
प्रान्त मंत्री जगदीश कलमंडा ने कहा कि किसान सहनशील समाज है, इसलिए प्रशासन किसानों को समस्याओं को आसानी से नहीं सुनता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा में खामियों के चलते इसकी राशि किसानों को नहीं मिल पा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गिरदावरी से पूर्व ही प्रीमियम राशि काट ली जाती है। जिससे किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिल पाता है।
प्रीमियम काटने से पूर्व किसानों से फसल बुवाई घोषणा पत्र लिया जाना चाहिए। इसके लिए ग्राम स्तर पर बीमा एजेंट, पटवारी, ग्राम सहायक व कृषि पर्यवेक्षक शिविर लगा कर किसानों से घोषणा पत्र लेकर बीमा के लिए भेजे। प्रीमियम जमा होने के बाद बीमा कम्पनी द्वारा प्रत्येक बीमा कराने वाले को उसकी पाॅलिसी देकर आवश्यक जानकारी से अवगत कराए।
जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी ने कहा कि किसानों को अविलम्ब ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। ग्राम सहकारी सचिवों के द्वारा कार्य बहिष्कार किया जा रहा है, लेकिन सरकार के द्वारा इसका समाधान नहींे निकाला गया। जिससे इसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। जर्जर नहरी तंत्र पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जहां कार्य कराया जा रहा है। वह भी गुणवत्तापूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को अनुदानित बीज उपलब्ध नहीं होने से किसान आर्थिक हानि उठाने को मजबूर हैं। वहीं सहकारी समितियों में भी बीज उपलब्ध नहीं है।
संभाग के मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने कहा कि किसानों के खेतों में ट्रांसफार्मर चोरी होने के बाद पुलिस के द्वारा एफआईआर तुरंत दर्ज नहीं की जाती है। जिससे दूसरा ट्रांसफाॅर्मर लेने में समस्या आती है। उनहोंने कहा कि सुल्तानपुर क्षैत्र के ग्राम बांक्या, बराणा, बिसलाई, धनसूरी, भूनेण, सनीजा बावड़ी, खेरूला गांवों में पानी की निकासी नहीं होने के कारण से जलभराव से फसलें खराब हो जाती हैं।
प्रशासन से मिलकर जलभराव की समस्या के बारे में अवगत कराया जाएगा। आशीष मेहता ने बताया कि संघ की ओर से तहसील और जिला स्तर पर ज्ञापन दिए जाने के बावजूद किसानों की समस्याओं का कोई समाधान निकलता प्रतीत नहीं हो रहा है।
आज संभागीय आयुक्त को ज्ञापन देंगे
उन्होंने कहा कि बुधवार को दोपहर 2 बजे संभागीय आयुक्त को भी ज्ञापन देकर अपनी समस्याओें से अवगत कराया जाएगा। बैठक में मोहनलाल नागर, महावीर नागर, रूपनारारयण मालव, पीडी नागर, जोधराज नागर, शिवराज योगी, अखिलेश दाधीच, फूलचंद मेघवाल, महावीर सुमन, देवेन्द्र मालव समेत कईं लोग मौजूद रहे।