नई दिल्ली। सरकार ने संगठित क्षेत्र के कर्मियों को गुरुवार को बड़ा तोहफा दिया। केंद्र ने राज्य कर्मचारी बीमा (ईएसआई) स्कीम में अंशदान की दर 6.5% से घटाकर 4% (नियोक्ता का अंशदान 4.75% से घटाकर 3.25% और कर्मचारी का अंशदान 1.75% से घटाकर 0.75%) करने का फैसला किया है।
घटी हुई दरें आगामी एक जुलाई से प्रभावी होंगी। इससे 3.6 करोड़ कर्मचारी और 12.85 लाख नियोक्ता लाभान्वित होंगे। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। केंद्र सरकार के इस कदम से कंपनियों को सालाना लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बचत होगी।
मंत्रालय ने कहा कि अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को बहुत राहत मिलेगी तथा इससे और अधिक कामगारों को ईएसआई योजना में लाने में सहायता मिलेगी। साथ ही, इससे ज्यादा से ज्यादा श्रमिक बल को औपचारिक क्षेत्र के अंतर्गत लाना आसान होगा।
इसी तरह, अंशदान में नियोक्ता के हिस्से में कमी होने से कंपनियों पर वित्तीय बोझ घटेगा, जिससे इनकी व्यावहारिकता में सुधार होगा। इससे कारोबार करने की सुगमता में और भी ज्यादा बढ़ोतरी होगी। ऐसी भी संभावना है कि ईएसआई अंशदान की दर में कटौती से कानून के बेहतर अनुपालन का मार्ग प्रशस्त होगा।
कर्मचारी राज्य बीमा कानून, 1948 (ईएसआई कानून) इस कानून के अंतर्गत बीमित व्यक्तियों को चिकित्सा, नकदी, मातृत्व, निशक्तता और आश्रित होने के लाभ प्रदान करता है। ईएसआई कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा प्रशासित है। ईएसआई कानून के अंतर्गत उपलब्ध कराए जाने वाले लाभ नियोक्ताओं और कर्मचारियों द्वारा किए गए अंशदान के माध्यम से वित्त पोषित होते हैं।
ईएसआई कानून के अंतर्गत नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही अपना-अपना योगदान देते हैं। श्रम और रोजगार मंत्रालय के जरिये सरकार ईएसआई कानून के अंतर्गत अंशदान की दर तय करती है। वर्तमान में अंशदान की दर वेतन का 6.5 प्रतिशत निर्धारित, जिसमें नियोक्ता का अंशदान 4.75 प्रतिशत और कर्मचारी का अंशदान 1.75 प्रतिशत है। यह दर एक जनवरी, 1997 से प्रचलन में है।