नई दिल्ली। बीते 11 साल के दौरान भारतीय बैंकों में 50 हजार से ज्यादा फ्रॉड हुए। इसमें आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक, स्टेट बैंक (SBI) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) सबसे बड़े शिकार के तौर पर सामने आए हैं। रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों में ये बातें सामने आई हैं।
इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2008-09 और 2018-19 के दौरान फ्रॉड के 53,334 केस दर्ज किए गए, जो 2.05 लाख करोड़ रुपए की रकम से संबंधित थे। इनमें सबसे ज्यादा 6,811 फ्रॉड के केस आईसीआईसीआई बैंक में दर्ज किए गए, जो 5,033.81 करोड़ रुपए से संबंधित थे।
6,793 फ्रॉड के साथ दूसरे नंबर पर एसबीआई
केंद्रीय बैंक द्वारा एक आरटीआई क्वेरी को दिए गए जवाब के मुताबिक, दूसरे नंबर पर 6,793 फ्रॉड के साथ एसबीआई रहा, जो 23,734.74 करोड़ रुपए से संबंधित थे। वहीं 2,497 फ्रॉड के साथ एचडीएफसी बैंक तीसरे नंबर पर रहा, जो 1,200.79 करोड़ रुपए से संबंधित थे।
वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा में 2,160 फ्रॉड (12,962.96 करोड़ रुपए), पंजाब नेशनल बैंक में 2,047 फ्रॉड (28,700 करोड़ रुपए) और एक्सिस बैंक में 1,944 फ्रॉड (5,301.69 करोड़ रुपए) के केस दर्ज किए गए।
इन बैंकों में भी हुए फ्रॉड
डाटा के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया 12,358.2 करोड़ रुपए के 1,872 फ्रॉड, सिंडीकेट बैंक 5,830.85 करोड़ रुपए के 1,783 फ्रॉड और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 9,041.98 करोड़ रुपए के 1,613 फ्रॉड दर्ज किए गए।
आईडीबीआई बैंक में 5,978.96 करोड़ रुपए के 1,264 फ्रॉड, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में 1221.41 करोड़ रुपए के 1,263 फ्रॉड, कैनरा बैंक में 5,553.38 करोड़ रुपए के 1,254 फ्रॉड, यूनियन बैंक में 11,830.74 करोड़ रुपए के 1,244 फ्रॉड और कोटक महिंद्रा बैंक में 430.46 करोड़ रुपए के 1,213 केस सामने आए।