नई दिल्ली। देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)ने अपनी कार्यकारी कुशलता को बढ़ाने के लिए देशभर में 800 से 900 शाखाओं को बंद या तर्कसंगत बनाने का फैसला किया है। BoB यह कदम देना बैंक और विजया बैंक के विलय के बाद उठाने जा रहा है। आपको बता दें कि देना बैंक और विजया बैंक का एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया है।
इसलिए उठाया जा रहा कदम
बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, देना और विजया बैंक को विलय के बाद एक ही स्थान पर दोनों बैंकों की शाखाएं चल रही हैं, जिसका कोई औचित्य नहीं है। अधिकारी के अनुसार, कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें तीनों बैंकों की शाखाएं एक ही स्थान या एक ही बिल्डिंग में कार्यरत हैं।
ऐसे में या तो इन शाखाओं को बंद किया जाएगा या फिर दक्षता और डुप्लीकेसी रोकने के उद्देश्य इन शाखाओं को तर्कसंगत बनाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि व्यापक समीक्षा के बाद हमने महसूस किया है कि 800 से 900 शाखाओं को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। इसमें कुछ शाखाओं को दूसरी जगहों पर स्थानांतरित करना या फिर बंद करने का विकल्प शामिल हैं।
क्षेत्रीय कार्यालयों पर भी लटक सकता है ताला
अधिकारी ने बताया कि तीनों बैंकों के कई क्षेत्रीय और रीजनल कार्यालय भी एक ही स्थान पर चल रहे हैं। ऐसे में विलय के बाद इनको चलाने का कोई औचित्य नहीं है और इन्हें बंद करने की आवश्यकता है। अधिकारी का कहना है कि बैंक की दक्षिण, पश्चिम और उत्तर भारत में मजबूत स्थिति है। ऐसे में हमें पूर्वी भारत में विस्तार की आवश्यकता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा बना दूसरा बड़ा सरकारी बैंक
देना बैंक और विजया बैंक के विलय से बैंक ऑफ बड़ौदा भारतीय स्टेट बैंक के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है। इस समय BoB के पास 9500 शाखाएं, 13,400 एटीएम, 85,000 कर्मचारी और 12 करोड़ ग्राहक हैं। विलय के बाद बैंक का कुल कारोबार 15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का हो गया है। इससे पहले अप्रैल 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में पांच एसोसिएट बैंक्स और भारतीय महिला बैंक का विलय हुआ था।