चेन्नई। इसरो ने शुक्रवार को एक बार फिर अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाते हुए कार्टोसेट-2 सीरीज के सेटेलाइट समेत 31 सेटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिए हैं। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सेटेलाइट लांच ह्वीकल (पीएसएलवी-सी38) इन सेटेलाइट को लेकर उड़ान भरी।यह पीएसएलवी रॉकेट की 40वीं उड़ान है।
इसरो के मुताबिक, धरती के ऑब्जरवेशन के लिए लॉन्च किए गए 712 किलोग्राम के कार्टोसेट-2 सीरीज के सेटेलाइट के साथ करीब 243 किलोग्राम के 30 अन्य सेटेलाइट को पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में पहुंचाए गए हैं।
क्या होगा फायदा?
धरती पर नजर रखने के लिए लॉन्च किए गए 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 श्रृंखला के इस उपग्रह के साथ करीब 243 किलोग्राम वजनी 30 अन्य नैनो सैटलाइट्स को एक साथ प्रक्षेपित किया गया। सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 955 किलोग्राम है। साथ भेजे जा रहे इन उपग्रहों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों के नैनो उपग्रह शामिल हैं।
29 विदेशी, जबकि एक नैनो सैटलाइट भारत का है। भारत के नैनौ सैटलाइट का नाम NIUSAT है, जिसका वजन महज 15 किलोग्राम है। यह खेती के क्षेत्र में निगरानी और आपदा प्रबंधन में काम आएगा। बता दें कि भारतीय सेना को भी इस सैटलाइट लॉन्च से फायदा होगा। निगरानी से जुड़ी ताकत बढ़ेगी। आतंकी कैंपों और बंकर्स की पहचान उनपर नजर रखने में मदद मिलेगी।