नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने में कुछ ही दिन रह गए हैं। ऐसे में सरकार ने इन आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की है कि नई टैक्स व्यवस्था बहुत मुश्किल होगी और उनका पालन करना आसान नहीं होगा। सरकार के एक आला अफसर ने कहा है कि टैक्सपेयर्स को हर महीने उसी तरह सिर्फ एक रिटर्न फाइल करना होगा, जैसे वे अब तक करते आए हैं।
रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने बुधवार को कहा कि असेसी कारोबारियों की यह आशंका निराधार है कि उन्हें हर महीने तीन रिटर्न फाइल करना होगा। उन्होंने कहा कि रिटेलर्स से लेकर बी2सी डीलर्स को हर महीने इनवॉइस के हिसाब से डीटेल देने की भी जरूरत नहीं होगी। अधिया ने कहा, ’80 पर्सेंट कारोबारियों को रिटर्न में बस टोटल टर्नओवर डीटेल भरना होगा क्योंकि वे सभी बी2सी डीलर्स या रिटेलर्स हैं।
रिटर्न फाइल करना बहुत आसान है। लोगों को फाइलिंग प्रोसेस को लेकर फिक्रमंद होने की जरूरत नहीं। यह मशीन से होता है और यह बहुत पारदर्शी है।’अधिया ने रिटर्न फाइलिंग के तरीके के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जब सप्लायर सेल इनवॉइस की डीटेल अपलोड करेगा, तो अगले हर महीने की 10 तारीख को जीएसटी रिटर्न-1 जेनरेट होगा।
जीएसटी रिटर्न-1 में मौजूद सप्लायर्स के डीटेल्स परचेजर्स के जीएसटी रिटर्न-2 में अपने आप अपडेट हो जाएंगे। जीएसटी रिटर्न-2 हर अगले महीने की 15 तारीख तक फाइल करना होगा और यह काम कंप्यूटर पर कुछ क्लिक के जरिए आसानी से किया जा सकेगा। जीएसटी रिटर्न-2 में रिटर्न की फुल फाइलिंग की जरूरत नहीं होगी।
अधिया ने कहा, ‘किसी को जीएसटी रिटर्न-2 नहीं भरना है। यह कंप्यूटर पर उनके अकाउंट में अपने आप दिखेगा। उनको बस कन्फर्म करना होगा। कंप्यूटर पर कोई ट्रांजैक्शन नहीं दिख रहा है तो इसमें यह बात हो सकती है कि जिससे सामान खरीदा गया है, वह उसकी एंट्री करना भूल गया हो। बायर उसको ठीक कर सकता है। यह डीटेल कंप्यूटर पर अपने आप आएगी। उसको बस ऑनलाइन क्लिक करके मंजूर करना होगा।’
रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि रिटेलर्स और बी2सी सप्लायर्स को रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को लेकर फिक्र करने की जरूरत नहीं क्योंकि उनको जीएसटी रिटर्न-1 में सिर्फ टर्नओवर के हिसाब से रिटर्न फाइल करना होगा। सिर्फ बी2बी डीलर्स को जीएसटी रिटर्न-1 और जीएसटी रिटर्न-2, दोनों भरना होगा, वहीं रिटेलर्स को जीएसटी रिटर्न-2 नहीं भरना होगा क्योंकि उनको सिर्फ मैच करना होगा कि क्या डीलर ने जीएसटीएन पर सही डेटा अपलोड किया है।
अधिया ने कहा, ‘आम लोगों को फिक्र करने की जरूरत नहीं। यह ज्यादा उलझाव वाला नहीं है। 80% कारोबारियों को सिर्फ टोटल टर्नओवर फाइल करना होगा।’ हर महीने की 17 तारीख तक सप्लायर और बायर दोनों को इनवॉयस डीटेल मैच करके 20 तारीख तक तीसरा रिटर्न फाइल कर देना होगा। जीएसटी रिटर्न-1 और जीएसटी रिटर्न-2 का कॉम्बिनेशन जीएसटी रिटर्न-3 कंप्यूटर से अपने आप तैयार होता है। इसमें मंथली टोटल आउटपुट टैक्स लाइबिलिटी, इनपुट टैक्स क्रेडिट और टैक्स लाइबिलिटी डिफरेंस होगा।