कोटा। मंगलवार को अचानक मौसम ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। किसानों के खून-पसीने की कमाई पलभर में बारिश की भेंट चढ़ गई। अकेले कोटा की भामाशाहमंडी में ही एक लाख बोरी से अधिक अनाज भीग गया। इसमें करीब आठ हजार बोरी गेहूं भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकारी कांटे पर भीग गया।
भीगने के कारण अधिकारियों ने गेहूं खरीदने से हाथ खड़े कर दिए। किसानों को करीब तीस करोड़ का नुकसान हुआ है। खेतों में खड़ी फसल को भी नुकसान हुआ है। भीगने से गेहूं, सरसों, चने, धनिये में सबसे अधिक नुकसान है।
कोटा जिले के रामगंजमंडी, सांगोद, मोईकला, इटावा, मोड़क सुल्तानपुर, मंडाना, अयाना, रावतभाटा क्षेत्र में तेज बारिश हुई। सांगोद में तड़के चार बजे पौन घंटे तेज बारिश से गौण मंडी परिसर में करीब ढाई हजार बोरी जिन्स भीग गई। खेतों में कटी पड़ी फसल भी खराब हो गई।
खड़ी गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई। इटावा मंडी में किसानों व व्यापारियों की करीब पांच हजार बोरी जिन्स भीग गई। सुल्तानपुर में बारिश ने करीब ढाई हजार बोरी जिन्स को भिगो दिया। रामगंजमंडी कृषि मंडी में भी बारिश से हजारों बोरी जिन्स खराब हुआ है। अयाना खरीद केन्द्र पर भी गेहूं भीग गया।
ओले गिरे, फसलों को नुकसान
बूंदी शहर सहित गांवों में मंगलवार तड़के कई जगह बरसात हुई। वहीं बड़ा नयागांव क्षेत्र में दोपहर तीन बजे पन्द्रह मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे, इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ। बारां मंडी में जिन्स भीगने से नुकसान हुआ है।