कोटा। इंफी लीग मोटर स्पोर्ट्स की ओर से राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी में आयोजित अरावली टेरीन व्हीकल चैंपियनशिप का पहला दिन एडवेंचर व एक्साइटमेंट से भरा रहा। कैंपस में बनाया गया करीब 700 मीटर का रेसिंग ट्रैक देश के सबसे मुश्किल ट्रैक में गिना जाता है। यहां की बाधाओं को पार करने के लिए रेसर की समझदारी व स्किल्स के साथ-साथ गाड़ियों की पावर भी काम आई।
हालांकि ट्रैक इतना मुश्किल था कि शाम तक एक भी वाहन ट्रैक को पूरा नहीं कर पाया था। पहले दिन मैन्यूलिटी रेस हुई। ट्रैक पर बनाए गए वाटर प्वाइंट और सेंटर प्वाइंट पर बने टेबल टॉप को पूरा करना रेसर्स व उनकी टीम के लिए चुनौती बनी।
RTU के प्रो. एनपी कौशिक, कंट्रोलर ऑफ़ एग्जामिनेशन प्रो. एके द्विवेदी, डिप्टी रजिस्ट्रार एग्जाम डॉ. नीरज जैन सहित अन्य ट्रैक पर पहुंचकर टीमों का हौसला बढ़ाया। आयोजक चंद्रेश शर्मा ने बताया कि दूसरे दिन भी मैन्यूलिटी रेस के साथ सस्पेंशन की टेस्टिंग के लिए रेस होगी।
शुरू से लेकर अंत तक बाधाएं ही बाधाएं : स्टार्ट प्वाइंट से कुछ दूरी पर ही पत्थरों पर गाड़ियों को टर्न लेना है। लेन से बाहर जाते ही टीम के प्वाइंट कट हो जाते हैं। इसके बाद घुमावदार मोड़ पर वाटर प्वाइंट है। डिक्लाइन वाटर प्वाइंट में गाड़ियों को निकलने में समय लगता है। इसके बाद पत्थरों व मिट्टी से होते हुए गाड़ियों को गुजरना होता है।
सेंटर प्वाइंट पर टेबल टॉप है। यहां पर करीब 90 डिग्री का गड्ढा है, जिसकी ऊंचाई करीब पांच फीट है। इसके पार करने के बाद लगातार स्पीड ब्रेकर है। फिनिशिंग प्वाइंट से कुछ दूर पहले 360 डिग्री में गाड़ियों को टर्न करवाना है।
फिनिशिंग प्वाइंट से ठीक पहले फिर से वाटर प्वाइंट से गुजरना होता है। रेसर के साथ उसके दो टीम मेंबर ही गाड़ी बंद होने व ट्रैक से भटक जाने पर उसकी मदद कर सकते हैं। चौथी बार में गलती होने पर ही टीम को रेस से बाहर कर देने का भी नियम है।
आज पूरे करने होंगे बचे हुए चैलेंज
मैन्यूलिटी रेस के साथ ही गुरुवार को गाड़ियों की ताकत का परखा जाएगा। इसमें ट्रैक्टर को गाड़ियों के जरिए खींचा जाएगा। दूसरे दिन भी मैन्यूलिटी रेस में वाटर प्वाइंट व टेबल टॉप को पार करना भी चैलेंज रहेगा। पहले दिन काफी गाड़ियों के ब्रेकडाउन हुए हैं। दूसरे दिन ब्रेकडाउन से बचना और रेस को समय पर पूरा करना रेसर्स के सामने बड़ा चैलेंज रहेगा।