नई दिल्ली। सरकार 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने के अपने दावे को पूरा करने के लिए काफी तेजी से लगी हुई है। रविवार को वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक होगी। इस बैठक में कुछ प्रॉडक्ट्स के रेट को रिव्यू किया जाएगा। काउंसिल की पिछली बैठक में कुछ वस्तु और सेवाओं के टैक्स स्लैब को लेकर सवाल उठे थे। रविवार को काउंसिल ऐसे ही रेट्स को रिव्यू करेगा।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘मीटिंग का मुख्य अजेंडा, 3 जून को काउंसिल की 15वीं मीटिंग में हुए फैसलों की पुष्टि करना है। साथ ही ड्राफ्ट जीएसटी रूल्स में संशोधनों को अनुमोदित करना है। इसके अलावा विभिन्न ट्रेड और इंडस्ट्री असोसिएशन द्वारा सिफारिश किए गए रेट में बदलावों पर भी अजस्ट किया जाएगा।’
रविवार को होने वाली मीटिंग काउंसिल की संभवत आखिरी मीटिंग होगी। इसके बाद सरकार की कोशिश होगी कि 1 जुलाई से जीएसटी को पूरी तरह से लागू किया जा सके। काफी सेक्टर्स की असोसिएशन्स ने जीएसटी में रेट रिव्यू की सिफारिश की है। ऑटो इंडस्ट्री हाइब्रिड कारों पर लगने जा रहे 43 प्रतिशत टैक्स को रिव्यू करने वाली है। अभी इन कारों पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है।
जीएसटी की पिछली बैठक में टेलिकॉम सेक्टर को 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में रखा गया था। इंडस्ट्री चाहती है कि इसे 18 प्रतिशत से कम किया जाए। वहीं, आईटी हार्डवेअर फर्म्स प्रॉडक्ट्स पर 18 प्रतिशत टैक्स रेट लगाना चाहती हैं। जीएसटी में इन पर 28 प्रतिशत टैक्स के स्लैब में रखा गया है।
जीएसटी काउंसिल ने लगभग सभी गुड्स ऐंड सर्विसेज को 5,12,18 और 28 के टैक्स स्लैब में बांट लिया है। बहुमूल्य धातुओं जैसे सोने के सिक्के, जूलरी आदि को 3 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में रखा गया है। वहीं, दिल्ली के बड़े बाजारों के ट्रेडर्स ने नए सिस्टम में स्पष्टता को लेकर चिंता जाहिर की है।