नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने फैसला किया है कि वह 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं पारंपरिक तरीके से ही आयोजित कराएगा। यानी परीक्षा के दौरान छात्रों को क्वेश्चन पेपर की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि सीबीएसई ने पेपर लीक मामले को देखते हुए फैसला किया था कि परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्रों की हार्ड कॉपी भेजने के बजाय उन्हें ई-लिंक और सीडी के ज़रिए भेजा जाएगा।
यह भी तय किया गया था कि प्रश्न पत्रों का प्रिंट परीक्षा सेंटरों पर ही निकाला जाएगा। लेकिन अब इस समाधान को 2019 की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान केवल एक बैकअप विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी के मध्य से शुरू होंगी। पहले वकेशनल (व्यावसायिक) कोर्स संबंधी परीक्षाएं होंगी और फिर मार्च में शैक्षणिक विषयों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, अब बोर्ड पहले की तरह परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचाएगा और यह आगे भी जारी रहेगा।
2018 में बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक मामले के बाद सीबीएसई ने जुलाई 2018 में हुई 10वीं क्लास की कंपार्टमेंटल परीक्षा के दौरान डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न पत्रों का आरंभिक परीक्षण किया था। उन प्रश्न पत्रों को परीक्षा केंद्र पर ही प्रिंट किया गया था। पेपर लीक मामले के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित की गई समिति ने भी प्रश्न पत्रों की डिलिवरी में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया था।
उन प्रश्न पत्रों को परीक्षा से 30 मिनट पहले ही ई-मेल के ज़रिए परीक्षा केंद्रों पर उपलब्ध कराया गया था। जबकि उनके पासवर्ड अलग मेल के ज़रिए परीक्षा हॉल के निरीक्षक को भेजे थे। एचआरडी मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने की मानें तो आने वाली परीक्षाओं के लिए डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न पत्रों का आइडिया एक बैकअप विकल्प के तौर पर रखा गया है।
बोर्ड इस तकनीक का इस्तेमाल इस साल फरवरी के मध्य में होने वाले वकेशन कोर्स की परीक्षाओं में इस्तेमाल करने के बारे में सोचेगा, जहां छात्रों की संख्या कम होगी। अधिकारी ने कहा कि फिलहाल दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित कई केंद्रों पर डबल इन्क्रिप्टेड प्रश्न पत्रों की डिलिवरी संभव नहीं है क्योंकि वहां ज़रूरी सुविधाएं नहीं हैं। और जिस केंद्र पर 1 हजार छात्र होंगे वहां महज 30 मिनट में 16 हजार प्रश्न पत्र प्रिंट करना संभव नहीं होगा।