नयी दिल्ली।उच्चतम न्यायालय ने एक गैर सरकारी संगठन को व्हाट्सएैप भुगतान सेवा में आंकड़ों को भारत में ही संग्रहीत करने के नियमों का अनुपालन करने का निर्देश दिए जाने को लेकर दायर याचिका में भारतीय रिजर्व बैंक को एक पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी है।
न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने सोमवार को इस गैर सरकारी संगठन सेन्टर फार अकाउन्टेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज के वकील विराग गुप्ता से कहा कि वे रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाने के लिये एक सप्ताह के भीतर आवेदन प्रस्तुत करें।
इस संगठन ने अपनी याचिका में कहा है कि व्हाट्सएैप ने डाटा को भारत में ही रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के परिपत्र का अभी तक अनुपालन नहीं किया है। इस संगठन ने रिजर्व बैंक के प्रावधानों पर पूरी तरह अमल होने तक व्हाट्सएैप को अपने भुगतान सेवा शुरू करने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
इससे पहले, केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चूंकि यह मामला आंकड़ों से संबंधित है, इसलिए इसमें रिजर्व बैंक को एक पक्षकार बनाने की आवश्यकता है। पीठ ने गैर सरकारी संगठन को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी है।