नई दिल्ली। खादी यार्न, गांधी टोपी और तिरंगा झंडे को जीएसटी काउंसिल ने टैक्स के दायरे से बाहर रखने का फैसला लिया है। वहीं, नकली जूलरी, मोतियों और सिक्कों पर 3 पर्सेंट जीएसटी लागू होगा। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल की ओर से धार्मिक संस्थानों में बिकने वाले सामानों और पूजा सामग्री को भी टैक्स से छूट दी है।
इनमें रुद्राक्ष, लकड़ी के खड़ाउ, पंचामृत, तुलसी कंठी माला, पंचगव्य, जनेऊ और विभूति शामिल हैं। इसके अलावा चंदन टीका, गैर-ब्रैंडेड शहद और बाती को भी इससे छूट दी गई है। काउंसिल की ओर से शनिवार को 1 जुलाई से जीएसटी लागू किए जाने पर एक बार फिर से सहमति जताई गई।
हालांकि लोभान, मिश्री, बताशा और बूरा पर 5 पर्सेंट जीएसटी लगाए जाने का फैसला लिया गया है। टेक्सटाइल कैटिगरी की बात की जाए तो 1,000 रपये से कम के कंबल, सफर के लिए कालीन, पर्दे, बेड की चादर, टॉइलट और किचन लिनन और टेरी फैब्रिक्स पर 5 पर्सेंट जीएसटी लागू किए जाने का फैसला लिया गया है।
वहीं, 1000 रुपये से कम के नैपकिन्स, मच्छरदानी, बैग्स, लाइफ जैकेट्स पर भी 5 फीसदी का ही टैक्स लागू होगा। हालांकि 1,000 रुपये से ज्यादा की कीमत वाले इन आइटम्स पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा।सिल्क और जूट यार्न को जीएसटी से छूट दी गई है, लेकिन कॉटन और नैचरल फाइबर्स समेत अन्य सभी तरह के यार्न्स पर 5 पर्सेंट टैक्स लगाने का फैसला लिया गया है।
मैनमेड फाइबर पर 18 पर्सेंट टैक्स लगेगा। 1,000 रुपये से कम के मैनमेड कपड़ों पर 5 पर्सेंट टैक्स लगेगा। इससे अधिक कीमत के कपड़ों पर 12 फीसदी टैक्स लागू होगा। हालांकि माचिस और जैविक खाद पर 5 फीसदी का ही टैक्स लगेगा।