कोटा। भारत में ही निर्मित की गई ट्रेन 18 में तेजी के साथ ही सुरक्षा का भी खास ख्याल रखा गया है। बिना इंजन वाली इस ट्रेन का इंटीरियर फायर-रेजिस्टेंट फाइबर कम्पोजिट (FRP)(आग प्रतिरोधी तत्व) का बनाया गया है, जिससे आग लगने जैसी आपात स्थिति में भी यात्रियों को सुरक्षा मिल सकेगी। ट्रेन 18 के कोच का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोचिंग फैक्ट्री (ICF) में किया गया है।
ICF के जीएम सुधांशु मनी ने LD News के साथ फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि ‘एक मैन्यूफैक्चरर द्वारा FRP का निर्माण कराया गया। इसके बाद इसे ट्रेन में फिट कर दिया गया।’ ट्रेन 18 के सभी कोच कम्पोजिट मैटिरियल से लैस हैं।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ट्रेन 18 को एफआरपी से बनाने का कारण ये भी है कि इससे ट्रेन को हल्का रखा जाए, जिससे ट्रेन अन्य ट्रेन के मुकाबले तेज गति से चल सके। अधिकारी ने बताया कि एफआरपी मैटिरियल स्टील और एल्यूमिनियम की तुलना में ज्यादा हल्के होते हैं। फिलहाल रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO), कोटा डिवीजन में ट्रेन 18 का ट्रायल किया जा रहा है। बता दें कि ट्रायल के दौरान ट्रेन 18, 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ रही है।
ट्रेन 18 का डिजाइन मेट्रो ट्रेन की तरह है, जिसके तहत वह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर सेल्फ प्रोपैल्ड तरीके से चलती है। यदि सब कुछ ठीक चला तो ट्रेन 18 अगले साल तक शताब्दी एक्सप्रेस की फ्लीट को रिप्लेस कर सकती है। रेल मंत्रालय के अनुसार, ट्रेन 18 की 6 ट्रेनें बनायी जाएंगी, जिनमें से 2 ट्रेनों में ही स्लीपर क्लास होगी। इस ट्रेन में यात्रियों की सुविधा का खूब ध्यान रखा गया है।
इस ट्रेन में शानदार इंटीरियर के साथ ही ऑटोमैटिक दरवाजे और रिट्रैक्टेबल फुटस्टेप भी हैं। यह ट्रेन वाईफाई, जीपीएस से लैस होगी। ट्रेन में मॉड्यूलर टॉयलेट और एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है। यह ट्रेन एनवायरमेंट फ्रेंडली होने के साथ ही अन्य ट्रेनों के मुकाबले 50% तक हल्की होगी।