कोटा। जिन मानसिक विमंदित बच्चों को देख हम मुंह मोड़ लेते हैं। ऐसे ही बच्चों की तीन साल पहले 7000 किमी दूर तुर्की से आई जूलेहा कोटा में निशुल्क केयर कर रही हैं। कोटा के आर्टिस्ट सर्वेश हाड़ा से फेसबुक से फ्रेंडशिप होने के बाद ऐसे बच्चों की सेवा के लिए यहां रहने का मन बना लिया।
जूलेहा पिछले दो साल से जरूरतमंद परिवारों से जुड़े पांच बच्चों की केयर कर उन्हें सोशल बना रही है। उन्होंने बताया कि वो अंकारा में एक लाख रुपए महीने के पैकेज पर रिहेबिलिटी सेंटर में टीचर थी। फादर उसके बिल्डर्स और ब्रदर कनाड़ा में इंजीनियर है। यहां सर्वेश से फेस बुक पर फ्रेंडशिप हुई। इसी से पता चला कि कोटा में करीब 800 मानसिक विमंदित बच्चे हैं।
जूलेहा का कहना है कि मेरा सब्जेक्ट भी यही रहा है। ऐसे बच्चे मेरे लिए आत्मा के समान है। मैं इंडिया में रहकर इनकी निशुल्क सेवा करूंगी। मेरे लिए पैसा इम्पॉर्टेंट नहीं हैं। मेरे फादर बिल्डर है। मैं उनकी इकलौती बेटी हूं। मेरी सेलरी एक लाख रुपए महीने थी। लेकिन, ऐसे बच्चों की सेवा का जुनून है, इसीलिए यहां हूं।
रेगुलर कक्षाएं
पिछले दो साल से पांच बच्चों की रेगुलर कक्षाएं ले रही है। एक बच्चे के लिए एक घंटा और ग्रुप क्लास के लिए अलग से समय लेकर उनकी केयर करती है। यहां छोटे से बच्चे सौरभ की मम्मी ने बताया कि उनका बेटा 12 साल का है, लेकिन इसकी दिमाग तीन साल के बच्चे की तरह का है।