पैरिस/ नई दिल्ली। ईरान पर US बैन, वेनेजुएला में क्राइसिस से तेल और उछलेगा। अगस्त में ऑइल का ग्लोबल प्रॉडक्शन 10 करोड़ बैरल रोजाना के रेकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया था, लेकिन आने वाले समय में सप्लाई घटेगी और दाम बढ़ेंगे क्योंकि ईरान और वेनेजुएला से एक्सपोर्ट घटेगा। यह बात इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने गुरुवार को कही।
उसने अपनी मंथली रिपोर्ट में लिखा है, ‘हम ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं जिसकी ऑइल मार्केट के लिए बड़ी अहमियत है। सप्लाई घटने जा रही है।’ आपको बता दें कि भारत में भी पेट्रोल, डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साध रखा है। शुक्रवार को एक बार फिर पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा देखने को मिला है।
शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल 81.28 रुपये/लीटर (28 पैसा का इजाफा) और डीजल की कीमत 73.30 रुपये/लीटर (22 पैसे का इजाफा) हो गई। वहीं मुंबई में पेट्रोल 88.67 रुपये/लीटर (28 पैसे का इजाफा) और डीजल की कीमत 77.82 रुपये/लीटर (24 पैसे का इजाफा) हो गई।
उधर, ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (OPEC) का प्रॉडक्शन 3.2 करोड़ बैरल प्रतिदिन के नौ महीने के हाई पर पहुंचने से ग्लोबल प्रॉडक्शन रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। OPEC ने जून में तय किया था कि वह क्रूड के दाम में आई तेजी पर अंकुश लगाने के लिए प्रॉडक्शन बढ़ाएगा।
हाल के महीनों में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट का भाव $70 से 80 प्रति बैरल के बीच घूमता रहा है। IEA के मुताबिक लीबिया में प्रॉडक्शन फिर से बढ़ने, इराक में प्रॉडक्शन रेकॉर्ड हाई के पास होने, नाइजीरिया से ऑइल सप्लाई बढ़ने और OPEC के सिरमौर सऊदी अरब के बढ़े प्रॉडक्शन से क्राइसिस में फंसे वेनेजुएला और ईरान के घटते प्रॉडक्शन की भरपाई अब तक होती आई है।
वेनेजुएला का क्राइसिस घटने का नाम नहीं ले रहा है और इधर अमेरिका ने 4 नवंबर से ईरान की ऑइल इंडस्ट्री पर बैन लगाया हुआ है। इन दोनों घटनाओं का असर बाजार पर कम से कम हो, इसके लिए दूसरे प्रोड्यूसर्स को अपने प्रॉडक्शन को और ऊपर ले जाना होगा। IEA ने कहा, ‘यह देखनेवाली बात है कि क्या दूसरे प्रोड्यूसर्स अपना प्रॉडक्शन बढ़ाएंगे।
इस साल अप्रैल से 70 से 80 डॉलर प्रति बैरल चल रहा ब्रेंट क्रूड का भाव रेंज से निकल सकता है।’ मई में अमेरिकी प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुर्इ न्यूक्लियर डील से अपने कदम पीछे खींच लिए थे। उन्होंने कहा था कि अब ईरान से कोई भी देश तेल नहीं खरीदेगा और जो उनकी बात नहीं मानेगा, अमेरिका उस पर भी प्रतिबंध लगा देगा।
जहां तक वेनेजुएला की बात है तो वहां राजनीतिक संकट के चलते इकॉनमी के धराशायी होने पर लाखों लोगों ने देश छोड़ दिया है। IEA ने कहा, ‘वेनेजुएला में हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं, लीबिया में फिर से संघर्ष शुरू हो सकता है। अब 4 नवंबर तक 53 दिनों में ईरान के ऑइल की खरीदारी को लेकर देशों और कंपनियों की तरफ से कई तरह के फैसले लिए जाएंगे।’
IEA ने कहा है कि अगस्त में ओपेक के सदस्य देश ईरान का ऑइल आउटपुट जुलाई 2016 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया। उसकी रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते कई और ऑइल खरीदार उससे दूर हो गए। ईरान के टॉप बायर्स चीन और भारत उससे तेल की खरीदारी पहले ही घटा चुके हैं। नवंबर तक कई और देश ऐसे ही कदम उठा सकते हैं।