जयपुर/ कोटा। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में राजस्थान में शांतिपूर्ण रहा। राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कोटा, पाली, जोधपुर, नागौर, अलवर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, बाड़मेर, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर सहित ज्यादातर जिलों में व्यापारियों ने स्वत:स्फूर्त अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। कुछ जगह बंद समर्थकों ने ने आग्रह कर बंद करवाया।
जयपुर में बंद समर्थकों ने दुकानें बंद कराई और एससी एसटी एक्ट के खिलाफ नारेबाजी की। शहर में जगह जगह पुलिस तैनात रही। बंद को डेढ़ दर्जन से अधिक समाजों के अलावा व्यापारिक संगठनों ने भी समर्थन दिया है।
किसान ने मुंडन कराया : बांसवाड़ा में भी बंद व्यापक और शाांतिपूर्ण रहा। लोगों ने अपने- अपने तरीके से विरोध दर्ज कराया। किसान दुर्गाराम व्यास ने एक्ट के खिलाफ गनोड़ा मुख्य चौराहे पर मुंडन कराया। पाली के सभी बड़े कस्बे सोजत, सुमेरपुर, बाली, सादड़ी, फालना, सांडेराव, देसूरी, रोहट, मारवाड़ जंक्शन, रायपुर मारवाड़, बर, तखतगढ़ भी बंद रहे। हालांकि, जैतारण बंद नहीं रहा। जिले में कहीं भी झगड़े व अनहोनी की घटना नहीं हुई।
हाड़ौती में स्वस्फूर्त बंद रहा
एससी, एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्ण समाज व समता आंदोलन समिति के आह्वान पर गुरुवार को कोटा समेत हाड़ौती में स्वस्फूर्त बंद रहा। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर बंद शांतिपूर्ण सफल रहा। बाजारों से लेकर सब कुछ बंद रहा। वही सवर्ण समाज के ज्यादातर कर्मचारी व अधिकारी भी सामूहिक अवकाश पर रहे। इससे सरकारी विभागों में कामकाज प्रभावित रहा।
तीन सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित
बंद के कारण करीब तीन सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। हालांकि मेडिकल व अस्पताल समेत आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया था। दो जगहों पर पोहे के ठेले पलट दिए गए। बंद समर्थकों ने एक पेट्रोल पम्प पर हंगामा किया। इसके बाद सामूहिक रैली निकाली गई।
बारां में दो-तीन स्थानों पर झड़प
बंद समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर माहौल गर्मा गया। बंद समर्थकों ने राज्य वरिष्ठ नागरिक बोर्ड अध्यक्ष व भाजपा नेता प्रेम नारायण गालव एवं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया के घर पर भी नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। झालावाड़ में सैकड़ों बंद समर्थक नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में घूमते रहे। मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन के बाद जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
बूंदी जिलेभर में बंद सफल रहा। लोग चाय-पान को भी तरस गए। कई जगहों पर आधे दिन मेडिकल की दुकानें भी बंद रही। नमाना में दो-तीन बार दुकानदारों व बंद समर्थकों के बीच झड़प हुई। एक जगह मारपीट हो गई। उदयपुर बंद का व्यापक असर रहा। सवर्ण समाज के कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने उदयपुर शहर में सूरजपोल चौराहे पर एकत्रित हुए। संभाग के बांसवाडा, डूंगरपुर, राजसमंद, में भी बंद का व्यापक असर रहा।
जोधपुर में बंद का मिलाजुला असर
जोधपुर में बंद का मिलाजुला असर रहा। शहर के प्रमुख मार्गों पर प्रतिष्ठान बंद रहे तो अंदरूनी व बाहरी क्षेत्रों में बाजार खुले रहे। बंद को समर्थन देने वाले संगठनों के पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं की टोलियों ने सरदारपुरा व कई जगह पर हाथ जोडक़र बाजार बंद कराए। शिक्षण संस्थाएं, पेट्रोल पंप, सिनेमा हॉल भी खुले रहे। बंद के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के माकूल बंदोबस्त रहे।
अजमेर में एेतिहासिक बंद
अजमेर एेतिहासिक बंद शांतिपूर्ण ढंग से सफल रहा। ब्यावर में बंद पूरे दिन बाजार बंद रहे। वहीं किशनगढ़ में बंद का असर मिला-जुला रहा। जिले के अन्य शहर व कस्बों में भी बंद शांतिपूर्ण रहा। कहीं से किसी अप्रिय घटना के समाचार नहीं मिले। अपराह्न चार बजे बाद बाजार खुल गए। खास बात यह रही कि सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने भी सामूहिक अवकाश लेकर बंद के प्रति समर्थन जताया।