नई दिल्ली/कोटा । पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। ईंधन की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी के लिए डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय वजहें भी हैं। बता दें कि राजधानी दिल्ली में जहां एक लीटर पेट्रोल का दाम 80 रुपये के करीब पहुंच गया है, वहीं मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में पेट्रोल के दाम 80 रुपये प्रति लीटर से भी ऊपर पहुंच चुका है।
दिल्ली में डीजल का दाम जहां 71 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा पहुंच चुका है, वहीं मुंबई और चेन्नै में यह 75 रुपये प्रति लीटर से ऊपर पहुंच चुका है।
लगातार 10वें दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार 10वें दिन इजाफा हुआ है। दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल की कीमतों में 16 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ और इस तरह यहां पेट्रोल प्रति लीटर 79.31 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। दिल्ली में डीजल की कीमतों में 19 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है और यह 71.34 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुकी है।
मुंबई में पेट्रोल 86.72 रुपये प्रति लीटर है तो कोलकाता और चेन्नई में क्रमशः 82.22 और 82.41 रुपये प्रति लीटर है। 16 अगस्त से अबतक पेट्रोल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा का इजाफा हुआ है, वहीं डीजल के दाम 2.42 रुपये प्रति लीटर बढ़े हैं। दिल्ली में इस कैलेंडर इयर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अबतक क्रमशः 13% और 19% की बढ़ोतरी हुई है।
रुपये में गिरावट से बढ़ी मुश्किल
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए अंतरराष्ट्रीय कारक तो जिम्मेदार हैं ही, डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट भी इसकी मुख्य वजह है। पिछले एक महीने में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 2.5 रुपये की गिरावट आई है।
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 71 से भी नीचे चली गई है जो सर्वकालिक निम्न स्तर पर है। इसका सीधा असर तेल के आयात पर पड़ रहा है और तेल कंपनियों को ज्यादा मुद्रा खर्च करना पड़ रहा है। रुपये में गिरावट की वजह से तेल कंपनियों को कच्चे तेल के लिए डॉलर में भुगतान करने के लिए और ज्यादे रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
पिछले एक पखवाड़े में कच्चे तेल की कीमत में 7 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा का उछाल दर्ज हुआ है। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से स्थिति और बिगड़ी है। ईरान का तेल निर्यात घटा है, जिस वजह से भी तेल की कीमतों में उछाल आ रही है। इसके अलावा पश्चिम एशिया में तनाव भी इसकी एक बड़ी वजह है।
यमन में सऊदी अरब की अगुआई में गठबंधन सेना हूती विद्रोहियों के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर है। अमेरिका और चीन व यूरोपीय संघ समेत अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रहे व्यापार विवाद से स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर ये विवाद जल्द नहीं सुलझते तो इसका प्रतिकूल असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों पर भी पड़ सकता है।
फ्यूल पर टैक्स कम होने से मिल सकती है राहत
पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी तो राज्य सरकारें वैट और पलूशन सेस के नाम पर ग्राहकों से मोटी रकम वसूलती हैं। इस तरह पेट्रोल-डीजल के दाम लागत से करीब-करीब दोगुने हो जाते हैं। कुछ राज्य तो पेट्रोल-डीजल पर 30 से 40 प्रतिशत सेल्स टैक्स/वैट वसूल रहे हैं। अगर पेट्रो उप्तादों पर टैक्स में कमी हो तो ग्राहकों को राहत मिल सकती है।
पिछले एक साल में पेट्रोल 14 रुपये और डीजल 10 रुपये महंगा
पिछले एक साल में देश के चारों महानगरों दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल और पेट्रोल की कीमतें कम से कम क्रमशः 14 रुपये और 10 रुपये तक बढ़ गईं। अलग-अलग महानगरों की बात करें तो 31 अगस्त 2017 के बाद डीजल और पेट्रोल मे सबसे ज्यादा महंगाई का सामना चेन्नई वासियों को करना पड़ा है।
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इस दौरान यहां डीजल का भाव 14.27 रुपये जबकि पेट्रोल का 9.97 रुपये बढ़ा है। वहीं, दिल्ली में डीजल 13.29 रुपये जबकि पेट्रोल 9.42 रुपये प्रति लीटर की दर से महंगा हुआ। इसी तरह, पिछले एक साल में कोलकाता और मुंबई में डीजल क्रमशः 13.49 रुपये और 13.78 रुपये जबकि पेट्रोल क्रमशः 9.58 रुपये और 7.21 रुपये मंहगे हो गए।
मोदी सरकार के 4 सालों में कितनी महंगाई?
बात अगर मोदी सरकार के चार सालों में इन महानगरों में पेट्रोल-डीजल की महंगाई की हो तो इस दौरान पेट्रोल दिल्ली में 10.71 रुपये, कोलकाता में 5.46 रुपये, मुंबई में 9.68 रुपये जबकि चेन्नै में 10.20 रुपये महंगा हुआ है।
इसी तरह, दिल्ली में डीजल 11.45 रुपये, कोलकाता में 9.46 रुपये, मुंबई में 7.20 रुपये और चेन्नै में 11.49 रुपये महंगा हुआ है। यानी, इन चार सालों में पेट्रोल में अधिकतम 10.71 रुपये जबकि डीजल में अधिकतम 11.49 रुपये की वृद्धि हुई है।