नई दिल्ली। बेहतर अर्निंग सीजन, मैक्रो फ्रंट पर सुधार और मिड व स्मॉलकैप में करेक्शन के चलते विदेशी निवेशकों (Foreign investors) का भारतीय कैपिटल मार्केट पर भरोसा बना हुआ है। अगस्त महीने में विदेशी निवेशकों ने कैपिटल मार्केट में 5,100 करोड़ रुपए निवेश किए हैं।
यह लगातार दूसरा महीना है जब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में निवेश किए हैं। इससे पहले जुलाई में विदेशी निवेशकों ने कैपिटल मार्केट (इक्विटी और डेट) में 2300 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया था। अप्रैल-जून तिमाही के दौरान विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजार से 61 हजार करोड़ रुपए निकाले थे।
अगस्त में बढ़ाई लिक्विडिटी
डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) ने अगस्त महीने में इक्विटी में 1,775 करोड़ रुपए और डेट मार्केट में 5168 करोड़ रुपए का निवेश किया। यानी अगस्त में अबतक कुल नया निवेश 3,414 करोड़ रुपए का रहा है।
इस तरह उनका कुल निवेश 5,189 करोड़ रुपए रहा। अप्रैल से जून के दौरान 3 महीने में भारी निकासी के बाद जुलाई व अगस्त में घरेलू शेयर बाजार में एफपीआई की भागीदारी बढ़ी है।
बेहतर अर्निंग सीजन का फायदा
मॉर्निंगस्टार के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि मैक्रो फ्रंट पर सुधार, बेहतर कॉरपोरेट अर्निंग, मिड व स्मॉलकैप में करेक्शन और भारत पर आईएमएफ का पॉजिटिव ऑब्जर्वेशन से विदेशी निवेशकों का घरेलू बाजार पर भरोसा बढ़ा है।
इन सभी फैक्टर्स के चलते विदेशी निवेशकों का रूझान घरेल बाजार को लेकर बढ़ा है।
उन्होंने कहा, डायरेक्शन निश्चित रूप से पॉजिटिव है। हालांकि एफपीआई इंफ्लो पहले मुकाबले कम है। इससे पता चलता है कि फिलहाल एफपीआई के बीच अनिश्चितता है जिससे वो सतर्कता बरत रहे हैं।
इक्विटी से अब तक निकाले 2400 करोड़ रु
इस साल की बात करें तो अबतक विदेशी निवेशकों ने इक्विटी से 2,400 करोड़ रुपए और बॉन्ड बाजार से 38,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।