नई दिल्ली। बैंकिंग सहित सभी सरकारी सेवाओं में आधार की जरूरत को देखते हुए इसके गलत इस्तेमाल से उपयोक्ताओं को बचाने के लिए यूआईडीएआई ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें बताया गया है कि महज आधार संख्या के सहारे कोई आपके बैंक खाते के साथ धोखाधड़ी नहीं कर सकता है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि आप अपने आधार संख्या की सुरक्षा बैंक खाते, पैन, क्रेडिट कार्ड की तरह करें। इसकी जानकारी फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या किसी अन्य पब्लिक डोमन में साझा न करें।
हालांकि आप स्कूल फीस, पानी, बिजली, टेलीफोन का बिल आदि सभी सेवाओं में बिना किसी परेशानी के इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। प्राधिकरण ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अपने आधार की जानकारी किसी सेवा प्रतादा के साथ साझा करना पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि सिर्फ आधार संख्या की जानकारी से कोई आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
इसके लिए क्यूआर कोड या फिंगरप्रिंट की जरूरत होती है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण ने बताया कि अगर कोई उपयोक्ता अपने बैंक खाते, डीमैट खाते, म्यूचुअल फंड, पैन आदि को आधार से लिंक करता है तो वह किसी भी तरह के फर्जीवाड़े से खुद को सुरक्षित कर लेता है। सभी खातों को आधार से जोड़े जाने के बाद किसी के लिए भी गलत आईडी से फर्जीवाड़ा करना मुमकिन नहीं होगा।
आपके आधार कोई अन्य खाता नहीं खुलवा सकता
प्राधिकरण ने बताया कि अगर आपके आधार की फोटोकॉपी किसी के हाथ लग जाए तो घबराएं नहीं, क्योंकि सिर्फ इसके जरिये कोई आपके नाम पर खाता नहीं खुलवा सकता। आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार, खाता खोलने के लिए बैंक बायोमेट्रिक या ओटीपी स्पष्टीकरण लेते हैं। अगर कोई बैंक ऐसा करता है तो किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी उसकी होगी।
आपका आधार लेकर कोई खाते से पैसा नहीं ले सकता
यूआईडीएआई ने स्पष्ट रूप से बताया है कि महज आधार कार्ड या उसकी जानकारी हासिल कर कोई आपके बैंक खाते से पैसे नहीं निकाल सकता है। इसके लिए आपके हस्ताक्षर, डेबिट कार्ड, पिन या ओटीपी की जरूरत होती है। प्राधिकरण ने पिछले आठ सालों में दो हजार करोड़ से ज्यादा आधार ऑथेन्टिकेशन सुरक्षित तरीके से किया है।
आधार वेरिफिकेशन न करने पर एजेंसी की जिम्मेदारी
प्राधिकरण ने कहा है अगर कोई एजेंसी आधार की हार्ड कॉपी स्वीकार करती है और इसका बायोमेट्रिक या ओटीपी वेरिफिकेशन नहीं करती तो किसी भी नुकसान की स्थिति में जिम्मेदारी एजेंसी की होगी। ऑफलाइन तरीके से आधार सिर्फ क्यूआर कोर्ड के जरिये स्वीकार किया जा सकता है।