नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक इंटरव्यू में रोजगार सृजन और राफेल डील समेत तमाम मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का भी जवाब दिया। रोजगार के पर्याप्त मौके उपलब्ध नहीं होने के विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने रोजगार के पर्याप्त अवसर दिए हैं।
अपने दावे के समर्थन में प्रधानमंत्री ने तमाम आंकड़ें भी गिनाएं और विपक्ष पर इस मुद्दे पर प्रॉपगैंडा फैलाने का आरोप लगाया। उनसे पूछा गया कि आपकी सरकार पर रोजगार योग्य आयु पूरा कर चुके युवाओं के लिए तेजी से नौकरी के अवसर पैदा करने में नाकामी के आरोप हैं, इसका प्रधानमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया।
पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने पर्याप्त रोजगार सृजन किया है लेकिन नौकरियों से जुड़े डेटाबेस की कमी या गैरमौजूदगी की वजह से इस तरह के आरोप लग रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अब जॉब से जुड़ा डेटाबेस तैयार करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि ईपीएफओ/ईएसआई/एनपीएस के आंकड़ों से कुछ हद तक इसका अंदाजा लग सकता है। पर्याप्त रोजगार सृजन के दावे के समर्थन में ईपीएफओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सितंबर 2017 से लेकर अप्रैल 2018 के बीच संगठित क्षेत्र में 45 लाख से ज्यादा नौकरियां मिलीं। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ डेटा के मुताबिक पिछले साल सिर्फ संगठित क्षेत्र में 70 लाख रोजगार पैदा हुए थे।
‘देशभर में 3 लाख लोग चला रहे हैं कॉमन सर्विस सेंटर’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुल नौकरियों में करीब 80 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में हैं। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में भी पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने ग्रामीण उद्यमियों का उदाहरण देते हुए बताया कि गांव स्तर पर करीब 3 लाख लोग देशभर में कॉमन सर्विस सेंटर चला रहे हैं और रोजगार पैदा कर रहे हैं।
‘मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स से 4.5 लाख रोजगार’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोबाइल निर्माण इकाइयों में करीब 4.5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। मोदी ने कहा कि 2014 में देश में सिर्फ मुट्ठी भर मोबाइल निर्माता कंपनियों के यूनिट थे, जो बढ़कर करीब 120 हो गई हैं।
’15 हजार से अधिक स्टार्टअप्स को सरकार से मदद’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 15,000 से अधिक स्टार्टअप्स को सरकार ने किसी न किसी तरीके से मदद की है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप तमाम लोगों को रोजगार देते हैं।
‘मुद्रा योजना के तहत बांटे गए 12 करोड़ से ज्यादा लोन’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने तमाम लोगों को स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाया है। मुद्रा योजना की सफलता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्कीम के तहत 12 करोड़ से ज्यादा लोन दिए गए। उन्होंने कहा कि एक लोन से कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार तो मिलता ही है।
‘निर्माण गतिविधियों के बढ़ने से बढ़े रोजगार के मौके’
प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्माण गतिविधियों से भी तमाम लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियां हुई हैं- बात चाहे सड़कों के निर्माण की हो, रेलवे या हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स की हो, इन सभी क्षेत्रों में नौकरियां पैदा हुई हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हो या अंतरराष्ट्रीय, हर रिपोर्ट में यह दिखाई देता है कि भारत में गरीबी घट रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह बिना नौकरियों के मुमकिन हो सकता है।
‘तेजी से बढ़ रहे टूरिजम सेक्टर में पैदा हो रहे नए रोजगार’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2017 में टूरिजम सेक्टर में 14 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि इस सेक्टर में बड़ी तादाद में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होते हैं। इसके अलावा एयर ट्रैफिक में साल-दर-साल 18 प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज हो रही है जो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। देश में ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। इन क्षेत्रों में भी अच्छी-खासी नौकरियां पैदा हुई हैं।
‘राज्यों में भी पैदा हुए लाखों रोजगार’
राज्य सरकारों के दावों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल सरकार ने 68 लाख रोजगार पैदा करने का दावा किया है। कर्नाटक की पिछली सरकार ने 53 लाख रोजगार पैदा करने का दावा किया है। ऐसा तो नहीं हो सकता कि सिर्फ कुछ राज्य रोजगार पैदा कर रहे हैं, बाकी नहीं। उन्होंने कहा कि नौकरियों को लेकर विपक्ष का प्रॉपगैंडा और कुछ नहीं, सिर्फ राजनीतिक तिकड़म है।