नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सुधा बालाकृष्णन को अपना पहला चीफ फाइनैंशल ऑफिसर (सीएफओ) नियुक्त करने का फैसला लिया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधा अबतक नैशनल सिक्यॉरिटी डिपॉजिटरी लिमिटिड (एनएसडीएल) की वाइस प्रेजिडेंट रहीं। सुधा आरबीआई की 12वीं कार्यकारी निदेशक होंगी और उनका कार्यकाल तीन साल का होगा। हालांकि, अभी इसपर आरबीआई की तरफ से कोई सफाई नहीं आई है।
बता दें कि मई 2017 से आरबीआई सीएफओ की तलाश कर रहा था। तब इससे जुड़ा पहला विज्ञापन जारी किया गया था। अब सुधा को चुना गया है। वह आरबीआई की बैलेंस शीट की इंचार्ज होंगी, 2017 को जो नोटिस जारी हुआ था उसके मुताबिक, वित्तीय स्थिति और बजटीय प्रक्रियाएं के बारे में जानकारी देने की जिम्मेदारी भी उनकी होगी। अंदरूनी मामलों के साथ-साथ कॉर्पोरेट से जुड़ी रणनीति भी वह ही बनाएंगी। उनके वहां काम करनेवाले कर्मचारियों का पीएफ रेट भी वही तय करेंगी।
सरकार के बैंक अकाउंट डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी भी वही देखेंगी। इसमें सरकारी ट्रांजैक्शन जैसे पेमेंट्स और टैक्स से होनेवाले राजस्व का ख्याल रखा जाता है। भारत और विदेश में केंद्रीय बैंक ने कहां-कहां निवेश किया है उसपर भी सुधा को नजर रखनी होगी। बालाकृष्णन को प्रति महीने 4 लाख रुपये (घर के बिना) की सैलरी मिल सकती है। साथ ही सालाना तौर पर सैलरी में 3 से 5 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है।