नई दिल्ली। देश की तीसरी बड़ी आईटी सॉफ्टवेयर सर्विसेस कंपनी विप्रो के मार्च, 2018 में समाप्त क्वार्टर के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे हैं। वित्त वर्ष 2017-18 के चौथे क्वार्टर के दौरान कंपनी का कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट 7 फीसदी घटकर 1,800 करोड़ रुपए रह गया, जबकि इससे पिछले क्वार्टर के दौरान प्रॉफिट 1930 करोड़ रुपए रहा था।
वहीं मार्च, 2018 में समाप्त क्वार्टर के दौरान कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 13,770 करोड़ रुपए हो गया, जबकि पिछले क्वार्टर के दौरान 13,670 करोड़ रुपए रहा था।
चौथे क्वार्टर में 7 फीसदी घटा प्रॉफिट
विप्रो द्वारा बीएसई में दी गई फाइलिंग के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 के चौथे क्वार्टर के दौरान कंपनी का प्रॉफिट 1800 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले क्वार्टर के 1930 करोड़ रुपए से लगभग 7 फीसदी कम था। वहीं एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में प्रॉफिट में 20 फीसदी की कमी दर्ज की गई, जब 2,267 करोड़ रुपए प्रॉफिट हुआ था।
वित्त वर्ष 18 में 6 फीसदी घटा प्रॉफिट
वहीं पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो विप्रो का प्रॉफिट 6 फीसदी घटकर 8,003.1 करोड़ रुपए रह गया। वहीं कुल इनकम 1.7 फीसदी घटकर 57,035.8 करोड़ रुपए रह गई।
रिजल्ट की मुख्य बातें
-जनवरी-मार्च क्वार्टर के दौरान आईटी सर्विसेस के लिए ऑपरेटिंग मार्जिन 14.4 फीसदी रहा।
-विप्रो ने 40.5 करोड़ डॉलर में अपना डाटा सेंटर ऑपरेशन बेचने का किया ऐलान।
-अप्रैल-जून में आईटी सर्विसेस रेवेन्यू 2.015 अबर डॉलर से 2.065 अरब डॉलर के बीच रहने का अनुमान।