विदेशी स्‍टॉक एक्‍सचेंज में भारतीय शेयरों की ट्रेडिंग पर रोक

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नई दिल्‍ली। विदेशी स्‍टॉक एक्‍सचेंज में भारतीय स्‍टॉक मार्केट से जुड़े काॅट्रेक्‍ट और डेरीवेटिव की ट्रेडिंग पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। देश के तीनों स्‍टॉक एक्‍सचेंज ने एक साथ रोक लगाते हुए कहा है कि इससे भारतीय पूंजी विदेशी बाजारों में जा रही थी। तीनों एक्‍सचेंजों ने एक संयुक्‍त बयान में कहा है कि विदेशी एक्‍सचेंजों में जिन भी डेरीवेटिव्‍स में ट्रेडिंग हो रही है, उन पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है।

ये हैं तीनों एक्‍सचेंज
इन 3 एक्‍सचेंज में मुम्‍बई शेयर बाजार (BSE), नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (NSE) और मेट्रोपोलेटिन स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया (MSEI) शामिल हैं। जानकारी के अनुसार सेबी ने इन तीनों एक्‍सचेजों को ऐसा करने के लिए कहा है।

सिंगपुर एक्‍सचेंज शुरू करने जा रहा था सिंगल स्‍टॉक फ्यूचर
सिंगापुर एक्‍सचेंज जल्‍द ही एनएसई के 50 स्‍टॉक में से सभी में सिंगल स्‍टॉक फ्यूचर शुरू करने जा रहा था। माना जा रहा है कि इसी को ध्‍यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। आशंका थी कि इससे भारतीय पैसा देश के बाहर जा सकता है।

तीनों एक्‍सचेंजों ने एक संयुक्‍त बयान में कहा है कि विदेशी एक्‍सचेंजों में जिन भी डेरीवेटिव्‍स में ट्रेडिंग हो रही है, उन पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है। इसमें कहा गया है कि यह नोटिस के बाद उतने दिनों का समय मिलेगा, जो लाइसेंस एग्रीमेंट के तय होगा।

विदेशी एक्‍सचेंजों में हो रहा था ज्‍यादा कारोबार
ऐसा देखा गया है कि विदेशी एक्‍सचेंजों में डेरीवेटिव्‍स में काफी ज्‍यादा कारोबार हो रहा था। कई बार तो इनका आकार प्रपोसिनिएट में भारतीय कारोबार से भी बड़ा हो जाता था, जिससे भारतीय पूंजी ज्‍यादा बाहर जाने लगी थी। इन तीनों एक्‍सचेंजों की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसा भारतीय बाजारों के लिए अच्‍छा नहीं था।

बाजार बंद होने के बाद आया आदेश
भारतीय शेयर बाजारों में कारोबार खत्‍म होने के बाद यह फैसला लागू किया गया। हालांकि इसमें SGX का जिक्र नहीं किया गया है। बयान में कहा गया है कि लाइसेंसिंग एग्रीमेंट के तहत एक माह का समय दिया जाएगा और इस दौरान ग्रांडफादरिंग का लाभ मिलेगा।