पाकिस्‍तानी सेना के लिए UAE ने खोला खजाना, जानिए क्यों है मेहरमान

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इस्लामाबाद। कराची की सिक्योरिटीज ब्रोकरेज फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड (AHL) के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली है। पिछले हफ्ते इसके लिए बोली लगाई गई थी।

इस सौदे के कुछ ही घंटे के बाद फौजी फ़र्टिलाइज़र कंपनी लिमिटेड (FFC) भी उनके साथ जुड़ गई। पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FFC, जो एक मिलिट्री के मालिकाना हक वाली और पब्लिक-लिस्टेड कंपनी है, वो PIA में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए बोली लगाने वाली चार कंपनियों में से एक थी, लेकिन उसने बोली जमा करने और खुलने से पहले ही बोली प्रक्रिया से पीछे हट गई।

डॉन के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया ताकि बाद में किसी भी तरह की “मिलीभगत” के आरोप से बचा जा सके। इसी बीच, आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को फौजी फाउंडेशन में करीब एक अरब डॉलर की हिस्सेदारी देने की अनुमति दे डाली, जबकि अबू धाबी से 2 अरब डॉलर के कर्ज के रोलओवर की उम्मीद भी जताई जा रही है। फौजी फाउंडेशन, जो करोड़ों की कंपनी बन चुकी है, वो पाकिस्तान सेना की कंपनी है। इसीलिए सवाल अब ये उठने लगे हैं कि पाकिस्तान की सबसे ताकतवर कंपनी फौजी फाउंडेशन क्या है?

फौजी फाउंडेशन को पाकिस्तानी सेना की एक बहुत बड़ी पैसे कमाने वाली मशीन कहा जाता है। पाकिस्तान के हर फायदे वाले कारोबार में इसकी भागीदारी है। मिलिट्री कॉम्पेलेक्स बनाने से लेकर सीमेंट निर्माण तक, खाद से लेकर बिजली बनाने तक और प्रॉपर्टी डेवलपमेंट से लेकर बैंकिंग और यहां तक कि स्टॉक निवेश में भी ये शामिल है। यह पाकिस्तान के बड़े मिलिट्री-कॉर्पोरेट कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है, जिसके तहत पाकिस्तानी सेना देश की आर्थिक संपत्तियों पर कुंडली मारकर बैठी हुई है। इसके जरिए पाकिस्तान की सेना डिफेंस के अलावा अर्थव्यवस्था को भी कंट्रोल करती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, फौजी फाउंडेशन, पाकिस्तानी नौसेना के बहरिया फाउंडेशन और एयर फोर्स के शाहीन फाउंडेशन के साथ काम करता है, जिनके अपने बिजनेस हैं, जो इंश्योरेंस सेक्टर से लेकर रियल एस्टेट डेवलपमेंट और शिपिंग जैसे कई सेक्टर में फैले हुए हैं।

इसके अलावा, पाकिस्तान में एक और बड़ा खिलाड़ी है आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट (AWT)। ये देश की दो दर्जन से ज्यादा कमर्शियल कंपनियों को कंट्रोल करता है। फिर डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी (DHA) है, जिसका काम रियल एस्टेट कारोबार करना है और इसने देश के हर इलाके में कीमती जमीन को खरीद रखा है।