नई दिल्ली। Wheat Price भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अपने स्टॉक से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भारी मात्रा में गेहूं बेचना चाहता है लेकिन उसे खरीदार नहीं मिल रहा है इसलिए उसने इस योजना को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है। घरेलू थोक मंडियों में गेहूं की सामान्य आवक हो रही है
क्योंकि सख्त भंडारण सीमा लागू रहने से व्यापारियों / स्टॉकिस्टों को न चाहते हुए भी अपने स्टॉक को खुले बाजार में उतारने के लिए विवश होना पड़ रहा है मिलर्स-प्रोसेसर्स के पास इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है जबकि थोक मंडियों में इसका दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (2425 रुपए प्रति क्विंटल) के आसपास आ गया है।
एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि भारतीय किसान इस बार गेहूं की खेती में जबरदस्त दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिससे इसके क्षेत्रफल में जोरदार बढ़ोत्तरी हो रही है। चूंकि मौसम की हालत सामान्य है और बांधों-जलाशयों में पानी का पर्याप्त स्टॉक भी मौजूद है
इसलिए रबी सीजन के इस सबसे प्रमुख खाद्यान्न का उत्पादन एक बार फिर तेजी से बढ़कर एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे घरेलू बाजार पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ने लगा है। सरकार के पास भी गेहूं का अधिशेष स्टॉक मौजूद है जिसकी सहायता से बाजार की जरूरत को कभी भी दूर किया जा सकता है।
खाद्य निगम ने ओएमएसएस में बेचने के लिए 30 लाख टन गेहूं का कोटा आवंटित कर रखा है मगर उसे दो नीलामी में कुल 4 लाख टन के ऑफर के सापेक्ष महज 1.50 लाख टन से कुछ सफलता हासिल हो सकी।

