केशवराय पाटन में आचार्य प्रज्ञासागर ससंघ का मंगल आगमन
कोटा। आचार्य प्रज्ञासागर महाराज ससंघ का शनिवार को भगवान मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, केशवराय पाटन (बूँदी) के लिए मंगल विहार हुआ।
गुरु आस्था परिवार के महामंत्री नवीन जैन दौराया ने बताया कि राजस्थान की प्राचीन और पौराणिक नगरी केशवराय पाटन की पावन धरा पर आचार्यश्री का सांय 5:30 बजे मंगल आगमन हुआ। चंबल नदी तट पर आयोजित कार्यक्रम के प्रति समाज में व्यापक उत्साह देखा गया। धर्मप्रेमियों ने मुख्य द्वार पर ससंघ की अगवानी में सहभागिता की।
मंगल आगमन उपरांत मुख्य जिनालय में मूलनायक भगवान मुनिसुव्रतनाथ की वेदी के समक्ष आचार्यश्री के सान्निध्य में भक्ति एवं आनंद यात्रा संपन्न हुई। मार्ग में सोगरिया में मुनिश्री पावनसागर महाराज से सुमिलन भी हुआ। गुरुदेव स्टेशन मार्ग होते हुए भदाना, रंगपुर रोड और नदी मार्ग से केशवराय पाटन पहुँचे, जहाँ गुरुदेव के जयकारों के साथ अनेक गुरुभक्त सम्मिलित रहे।
उधर कोटा जंक्शन दिगंबर जैन मंदिर में जिनदर्शन में परम पूज्य गुरुदेव प्रज्ञासागर महाराज ने ‘रयणसार’ की 64वीं गाथा का संदर्भ देते हुए कहा कि धर्म केवल क्रियाकांड भर नहीं है। पूजा, अभिषेक, शांतिधारा, व्रत-नियम आदि तभी सार्थक हैं जब वे अंतर्मन से जुड़े हों। भगवान की प्रतिमा हमारे भीतर स्थित प्रतिभा को निखारने का माध्यम बने।
भगवान के दर्शन करते समय यह भावना होनी चाहिए कि जब प्रभु पत्थर रूप में परमात्मा बने, तो आत्मा परमात्मा क्यों नहीं बन सकती? उन्होंने कहा कि मंदिर जाते समय भगवान की ‘नकल’ अवश्य करें, क्योंकि नकल करते-करते ही मनुष्य ‘अकल’ प्राप्त करता है और एक दिन वह अवस्था ‘केवली ज्ञान’ तक पहुँचाती है।
गुरु आस्था परिवार अध्यक्ष लोकेश जैन, चेयरमैन यतीश जैन खेडावाला, महामंत्री नवीन जैन दौराया, नीतेश बडजातिया, मनोज जैसवाल, अजय मेहरू, पारस पिडावा, भूपेंद्र पिडावा, पारस सोगानी, सुरेश नगेदा, श्रेयांस जैन, अजय जैन, अर्पित सर्राफ, विकास मजितिया, मनोज सेठी, संजय जैन एवं विकास जैन सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

