राजस्थान अब निवेश और पर्यटन के क्षेत्र में भरेगा उड़ान, कैबिनेट की बैठक में मंजूरी

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जयपुर। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए पत्रकार वार्ता में बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित राजस्थान पर्यटन नीति-2025 में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहन, पर्यटन अवसंरचना के विकास, प्रमुख स्थलों की कनेक्टिविटी, स्वच्छता, सुरक्षा, डिजिटल सुविधाओं का विस्तार और ब्रांडिंग को मजबूत करने पर बल दिया गया है।

नीति के तहत धार्मिक पर्यटन मार्गों का विकास, वन एवं धार्मिक क्षेत्रों के आसपास टूरिज्म हब की स्थापना, शौर्य सर्किट, बर्ड वॉचिंग सर्किट, प्रोजेक्शन मैपिंग, लाइट-साउंड शो, प्री-पेड टैक्सी बूथ, ई-व्हीकल टूर, राजस्थान ट्रैवल कार्ड, होम-स्टे और पेइंग गेस्ट सुविधाओं को बढ़ावा देने जैसे प्रावधान किए गए हैं।

इसके साथ ही चयनित जिलों में विशेष पर्यटन क्षेत्र का विकास, पर्यटन परियोजनाओं की अनुमति हेतु सिंगल वेब पोर्टल, पीपीपी मोड पर पर्यटन परियोजनाओं का विकास, स्किलिंग सेंटर्स की स्थापना, पर्यटन छात्रों हेतु छात्रवृत्ति, क्राफ्ट म्यूजियम, डिजिटल म्यूजियम, मोबाइल एप, एयर कनेक्टिविटी हेतु वायबिलिटी गैप फंडिंग, प्रमुख मेलों- उत्सवों का वृहद आयोजन, एस्ट्रो टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कुलिनरी टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म और मनोरंजन परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। पर्यटन सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु 24×7 कॉल सेंटर, टूरिस्ट असिस्टेंस फोर्स, पैनिक बटन आधारित सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी और फीडबैक सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी।

किशनगढ़ एयरपोर्ट के लिए भूमि आवंटन
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि किशनगढ़ हवाई अड्डे के लिए अतिरिक्त 15 एकड़ भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इससे बड़े विमानों के सिंगल साइड ऑपरेशन हेतु 900 मीटर लंबी एप्रोच लाइट्स (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) की स्थापना संभव होगी।
इसके बाद कोहरे और रात्रि के समय भी विमानों का सुरक्षित संचालन हो सकेगा। इससे न केवल उड़ानों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।

अनुकंपा नियुक्ति आवेदन की समय सीमा बढ़ी
पटेल ने बताया कि मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अब 90 दिन के बजाय 180 दिन में आवेदन करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम-1996 में संशोधन किया जाएगा। इससे परिजनों को आवश्यक दस्तावेज और शपथ पत्र तैयार करने में पर्याप्त समय मिल सकेगा।

आरक्षित सूची अब एक वर्ष तक मान्य
अब प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षित सूची से अभ्यर्थियों की अनुशंसा 6 माह की जगह 1 वर्ष के भीतर की जा सकेगी। इस संशोधन से एक ही भर्ती में अधिक संख्या में अभ्यर्थियों को रोजगार का अवसर मिलेगा।

मोटर वाहन उप निरीक्षक पद की योग्यता में संशोधन
अब इस पद पर आवेदन के लिए ऑटोमोबाइल या मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा के अलावा उच्चतर योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी भी पात्र होंगे। साथ ही ऑटोमोबाइल वर्कशॉप का एक वर्षीय अनुभव और ट्रांसपोर्ट यान श्रेणी का लाइसेंस रखने की अनिवार्यता समाप्त की गई है। इससे ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थी अध्ययन पूरा करते ही आवेदन कर सकेंगे।

इन सबके अतिरिक्त अन्य निर्णयों में राजस्थान मूल्यांकन सेवा नियम-1979 में विभागीय पदोन्नति समिति के गठन संबंधी प्रावधान जोड़े गए हैं, जिससे लंबित बैठकों का आयोजन संभव होगा। इसके अलावा मृत या स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल एवं पैरा-मिलिट्री कर्मियों, उत्तराखंड त्रासदी-2013 और कोविड-19 से अनाथ हुए व्यक्तियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने संबंधी अधिसूचनाओं को अब विभिन्न सेवा नियमों में शामिल किया गया है।