नई दिल्ली। Pan masala: उपभोक्ता मामलों के विभाग ने पान मसाला के सभी पैक पर खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) लिखना अनिवार्य कर दिया है। उन्हें विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 के अंतर्गत अन्य अनिवार्य घोषणाएं प्रदर्शित करना भी अनिवार्य होगा है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने इसके लिए नियमों में संशोधन किया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सामान्य वैधानिक नियम (जीएसआर) 881(ई) के माध्यम से अधिसूचित यह संशोधन 1 फरवरी, 2026 से लागू होगा। नियम लागू होने की तारीख से, पान मसाला के सभी उत्पादकों, पैकर और आयातकों को इसका पूरा अनुपालन करना होगा।
इस संशोधन से वह पूर्व छूट समाप्त हो गई है जिसके तहत 10 ग्राम या उससे कम के छोटे पैक को कुछ घोषणाओं से बचने की अनुमति थी। अब, इन छोटे पैक्स पर भी खुदरा बिक्री मूल्य अंकित होना चाहिए और 2011 के नियमों के तहत आवश्यक सभी घोषणाएं प्रदर्शित करनी होंगी। नियम 26(ए) के तहत पिछली शर्त को वापस ले लिया गया है और उसकी जगह पान मसाला के लिए एक नई शर्त रखी गई है।
विभाग ने कहा कि यह कदम सभी पैक आकार में पारदर्शी कीमत की जानकारी पक्का करके उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करता है। उम्मीद है कि इससे छोटे पैक पर गुमराह करने वाला या धोखा देने वाला मूल्य निर्धारण रुकेगा और उपभोक्ता बेहतर जानकारी के साथ खरीद पर फैसले ले पाएंगे।
सभी पैक पर खुदरा बिक्री मूल्य को ज़रूरी बनाकर, यह बदलाव पान मसाला पर खुदरा बिक्री मूल्य-आधारित जीएसटी लेवी को लागू करने में भी मदद करता है। इससे जीएसटी परिषद के फैसलों को आसानी से लागू करने और सबसे छोटी यूनिट सहित सभी पैक आकार पर सही कर आकलन और राजस्व संग्रह पक्का करने की उम्मीद है।

