मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से, क्या घटेगी आपकी ईएमआई और सस्ते होंगे लोन

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नई दिल्ली। आरबीआई की मौद्रिक नीति की बुधवार से शुरू हो रही समीक्षा बैठक में रेपो दर को स्थिर रखा जा सकता है। एसबीआई रिसर्च की नई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से यह उम्मीदें बन रही थीं कि केंद्रीय बैंक 25 आधार अंक की छोटी कटौती करेगा, लेकिन अब ऐसी स्थिति बनती नहीं दिख रही।

उसके मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही की मजबूत जीडीपी वृद्धि और मौजूदा आर्थिक माहौल को देखते हुए रेपो दर को स्थिर रखने की संभावना जताई जा रही है। गौरतलब है कि जुलाई–सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ने 8.2 प्रतिशत की मजबूत बढ़त दर्ज की है। एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर की कई अर्थव्यवस्थाओं में अब मौद्रिक नीति स्थिर होने की अवस्था में प्रवेश कर चुकी है यानी प्रधान ब्याज दरें स्थिर रखी जा रही हैं।

इस साल अब तक आरबीआई ने रेपो दर में तीन बार कटौती की है। फरवरी 2025 में 0.25 प्रतिशत की कटौती हुई। इसके बाद अप्रैल 2025 में दोबारा 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई। वहीं, जून 2025 में भी 0.50 प्रतिशत की कटौती हुई थी। अगस्त और अक्तूबर में आरबीआई ने रेपो दर में कोई कटौती नहीं की। ऐसे में अब देखना यह है कि दिसंबर में इस दर में बदलाव करता होता है या नहीं।

कटौती की संभावना बरकरार
मुद्रास्फीति में तेज गिरावट और मजबूत वृद्धि को देखते हुए आरबीआई अपनी आगामी दिसंबर मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती करने की घोषणा कर सकता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयरएज ने कहा कि अक्तूबर में मुद्रास्फीति दस साल के निचले स्तर 0.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो चार प्रतिशत के लक्ष्य से काफी नीचे है।

रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसे में दर कटौती के लिए नीतिगत गुंजाइश बन गई है। कच्चे तेल की स्थिर कीमतें, रबी की अच्छी बुवाई जैसे कारक मुद्रास्फीति को तेजी से बढ़ने से रोकेंगे। दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 8.2 प्रतिशत होने के बावजूद दूसरी छमाही में यह लगभग सात प्रतिशत रहेगी।