नहरों में हो रहे घटिया निर्माण पर ऊर्जा मंत्री ने जताई नाराजगी

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आलनिया नहरों के घटिया निर्माण की जांच कर तोड़ने के दिए निर्देश

कोटा। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर शुक्रवार देर रात आलनिया बांध की नहरों का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग से हो रहे गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य पर नाराजगी प्रकट की। मंत्री नागर ने संपूर्ण कार्य की जांच करने और घटिया निर्माण को तोड़कर बनाने के भी निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों रात्रि चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने नहरों के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग की शिकायत की थी। जिस पर कनवास से कोटा आते हुए देर रात को मंत्री नागर ने आलनिया बांध पहुंचकर निरीक्षण किया। उनके साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद रहे।

आलनिया से लाडपुरा के 27 तथा कनवास तहसील के 9 गांवों की 7882 हेक्टेयर भूमि संचित होती है। आलनिया नहरी तंत्र में कच्ची नहरों को पक्का करने के लिए 30 करोड रुपए की स्वीकृत राशि से निर्माण कार्य किया जा रहा है।

मंत्री नागर के साथ पहुंचे ग्रामीणों ने दीवार पर ठोकर मारी तो वहां से क्रेशर डस्ट झड़ने लगी। सरफेस का काम भी घटिया था और टाइल का काम भी गुणवत्तापूर्ण नहीं मिला। इसको लेकर मंत्री हीरालाल नागर ने आलनिया एसई से बात की तो उन्होंने भी घटिया निर्माण की बात स्वीकार की। इसके बाद ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने घटिया निर्माण को तीन दिनों में तोड़ने और जांच करने की बात कही।

मंत्री नागर ने कहा कि हमारा उद्देश्य घटिया निर्माण की प्रवृत्ति पर लगाम लगाना है। बिलो रेट पर काम हथियाने की प्रवृत्ति पर रोक लगे। मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि लंबे समय से भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण की प्रवृत्ति चल रही है। ऐसे में, इसे सुधारने की प्रक्रिया भी लंबी होगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। इस प्रवृत्ति को लगाम लगाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है। साथ ही, अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहित करने का काम भी कर रहे हैं।

मंत्री रावत से भी की थी शिकायत
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर से बीते दोनों ग्रामीणों ने रात्रि चौपाल के दौरान घटिया निर्माण की शिकायत की थी। जिस पर मंत्री नागर ने इस संबंध में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत से फोन पर बात की थी। उनको जल संसाधन विभाग के कामों में हो रहे भ्रष्टाचार से अवगत कराया था। मंत्री नागर ने रावत से 2 वर्षों के कार्यों की जांच के लिए विजिलेंस टीम बनाने का भी आग्रह किया था। उन्होंने हरिश्चंद्र सागर परियोजना, आलनिया और सावन भादौ परियोजना की नहर मरम्मत की जांच के लिए भी आग्रह किया था।

ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के दिए निर्देश
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर जब बनियानी गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने बताया कि पूरे गांव को पीएचईडी ठेकेदार ने डेढ साल से खोद रखा है। खुदाई के कारण से लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है। बच्चों के गिरने का डर रहता है। जिस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने जलदाय विभाग के अधिकारी दीपक झा से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि पुराना वर्क आर्डर होने के बावजूद डेढ़ साल से पूरा गांव खुदा पड़ा है। ठेकेदार खुदाई करके छोड़कर चला गया। अभी तक ना लाइन डाली, ना ग्रामीणों को कनेक्शन मिले। ऐसे ठेकेदार को तुरंत ब्लैक लिस्ट करें। उन्होंने कहा कि एक महीने में प्रॉपर तरीके से जांच करें और ब्लैक लिस्ट करने की पूरी प्रक्रिया करें। उन्होंने कहा कि ऐसे ठेकेदार के सभी कामों की जांच करेंगे तो सभी घटिया मिलेंगे। इनकी रिकवरी निकलनी चाहिए।

बांध की ऊंचाई बढ़ाएंगे
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि आलनिया मध्यम सिंचाई परियोजना को 75% निर्भरता पर डिजाइन किया गया था। लेकिन 27 वर्षों में से केवल 11 वर्षों में ही अपनी पूर्ण भराव क्षमता तक भर पाया है। आलनिया कमांड के अंतिम छोर एवं सीमावर्ती 36 गांव के छूटे हुए क्षेत्र को सिंचित करने के लिए भी सरकार ने प्लानिंग शुरू की है। चंबल दाईं मुख्य नहर से पानी लिफ्ट कर इन 36 गांवों के वंचित क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाए जाने के लिए आलनिया बांध में अतिरिक्त जल ग्रहण क्षेत्र को जोड़कर पानी को डायवर्जन चैनल के द्वारा आलनिया बांध में ले जाएंगे। बांध की ऊंचाई बढ़ाने के कार्य का भी सर्वे करवाया जा रहा है। इसकी फीजिबिलिटी रिपोर्ट करवा तैयार करवाई जा रही है। वर्तमान में इसका 90% कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके पश्चात पानी की उपलब्धता के अनुसार आलनिया कमांड के 36 छोटे हुए गांव एवं आसपास के गांवों के क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

इन गांवों में होती है सिंचाई
आलनिया कमांड क्षैत्र में कनवास तहसील के आमली, पीसाहेड़ा, देवली, ढीकोली, बंदा, खजूरी, बृजनगर, कुराड़, खाडीपुर तथा लाडपुरा के मवासा, ढाणी, बोरिया खेड़ी, रूपारेल, प्रहलादपुरा, जामपुरा, रामनगर, जाखोड़ा, अभयपुरा, लाडपुर, बड़ोदिया, रानीपुरा, गंदीफली, गलाना, भगवानपुरा, चारणहेड़ी, परलिया, छिपनहेड़ी, पीपलखेड़ी, सिमलहेड़ी, अरलिया, कीतलहेड़ा, बनियानी, शंकरपुरा, अरंडखेड़ा, दीपपुरा, बालापुरा आता है।